राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ झंडे को हटाने पर BHU अधिकारी को पद छोड़ने के लिए किया गया विवश

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने मिजार्पुर जिले में स्थित एक खेल के मैदान से कथित रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का झंडा हटाने के बाद एक अधिकारी को अपना पद छोड़ने पर मजबूर कर दिया. अधिकारी, किरण दामले, मिजार्पुर में बीएचयू के राजीव गांधी साउथ कैंपस में डिप्टी चीफ प्रॉक्टर थीं. उनपर 'धार्मिक विश्वासों का अपमान' करने का आरोप लगाया गया है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Photo Credits: IANS)

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) ने मिजार्पुर जिले में स्थित एक खेल के मैदान से कथित रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का झंडा हटाने के बाद एक अधिकारी को अपना पद छोड़ने पर मजबूर कर दिया. अधिकारी, किरण दामले, मिजार्पुर में बीएचयू के राजीव गांधी साउथ कैंपस में डिप्टी चीफ प्रॉक्टर थीं. उनपर 'धार्मिक विश्वासों का अपमान' करने का आरोप लगाया गया है. सूत्रों के अनुसार दामले ने कथित तौर पर झंडे को हटा दिया, जबकि आरएसएस से जुड़े छात्र मंगलवार सुबह एक 'शाखा' आयोजित कर रहे थे.

दामले ने कहा है कि वह केवल संस्था के नियमों का पालन कर रही थीं. उन्होंने कहा, "मैंने शाखा सदस्यों से झंडे को हटाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया. इसलिए मैंने ध्वज उठाया और अपने चपरासी को दे दिया. जब वे मेरे पीछे आए, तो मैंने उन्हें बताया कि वे ऐसे संवेदनशील समय में इस तरह से झंडा नहीं फहरा सकते. जब उन्होंने जोर दिया, तो मैंने कहा कि मैं ऐसा स्टेडियम के अंदर नहीं करने दूंगी."

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बाद में छात्रों ने कैंपस में विरोध प्रदर्शन किया, जिससे दामले को पद छडो़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक स्थानीय इकाई - सत्तारूढ़ भाजपा के वैचारिक संरक्षक- ने एक शिकायत दर्ज कराई और पुलिस ने धार्मिक विश्वासों का अपमान करने के आरोप में उनके खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया. घटना के बाद, आरएसएस के सदस्यों ने प्रशासनिक ब्लॉक में विरोध प्रदर्शन करते हुए दावा किया कि दामले ने झंडे का अपमान किया है. प्रदर्शनकारियों ने दामले पर छात्रों के साथ दुर्व्यवहार करने का भी आरोप लगाया.

बीएचयू के सूत्रों ने कहा कि वे मुद्दे को हल करने के लिए मिजार्पुर में आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं. विरोध प्रदर्शन के दौरान कैंपस का दौरा करने वाले भाजपा के एक विधायक रत्नाकर मिश्रा ने कहा, "आरएसएस कई वर्षों से यहां पर शाखा कर रहा है. यह (बीएचयू के संस्थापक) मदन मोहन मालवीय जी की अंतिम इच्छा थी कि उनके द्वारा शुरू की गई किसी भी संस्था की शाखा होनी चाहिए. उन्होंने उनकी यादों का अपमान किया है."

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