चंद्रशेखर का मायावती पर तंज, कहा- भाषण देने से नहीं सुधरेगा बहुजन का भविष्य
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद (Photo Credits: PTI)

भीम आर्मी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती पर इशारे-इशारे में तंज कसा और कहा कि जो गलतियां हुई, उन्हें दोहराया नहीं जाएगा. बहुजन समाज के लिए काम करना पड़ेगा. केवल भाषणबाजी से दलितों का भविष्य नहीं सुधर सकता है. उन्हें बराबरी का अधिकार और हिस्सेदारी देनी पड़ेगी. जब हिस्सेदारी मिलेगी तो परिवार बढ़ेगा. सत्ता में उनकी भागीदारी बढ़ेगी. तब बहुजन समाज का निर्माण होगा। चन्द्रशेखर ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा, "देश और प्रदेश के करोड़ों अल्पसंख्यकों, पिछड़ों और दलितों को सताया जा रहा है. उनके अधिकार छीने जा रहे हैं. हमारे कार्यकर्ता चाहते हैं कि उन्हें भी राजनीतिक हिस्सेदारी मिले. इसको ध्यान में रखते हुए हम 15 मार्च को नया राजनीतिक दल बनाने जा रहे हैं. उनके (दलितों) मुद्दों पर खड़ा होना पड़ेगा. सिर्फ कोरे भाषणों से बहुजन समाज नहीं बनेगा उनके हितों के लिए आवाज उठानी पड़ेगी। उन्हें सत्ता में भागीदारी देनी पड़ेगी."

बसपा एक मजबूत पार्टी है उसका जनाधार भी खूब है इसकी काट कैसे ढूंढेंगे, इसके जवाब में चन्द्रशेखर ने कहा, "हम कोई काट नहीं ढूंढ रहे हैं. इस देश के करोड़ों मुस्लिमों, दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों को देख रहे हैं. उनके हितों की हमें रक्षा करनी है. प्रदेश में हमारा बड़ा संगठन है. हमने पिछले दिनों भारत बंद भी किया था, जो सफल रहा." नई पार्टी बनाने के बाद 2022 के चुनाव में किस पार्टी से गठबंधन करेंगे, के सवाल पर चन्द्रशेखर ने कहा, "जब अपनी पार्टी बन रही तो किसी राजनीतिक दल में जाने के लिए नहीं बना रहे हैं. जो दल बनेगा, वह सिद्धांतों के आधार पर बनेगा. हमारा सबसे समाजिक रिश्ता अच्छा है. हमारे सिद्धांत में जो फिट बैठेगा वह हमारे करीब आएगा."

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योगी सरकार में पूर्व मंत्री रहे ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात पर उन्होंने कहा वह कोई विवादित व्यक्ति नहीं हैं. वह पिछड़ों के बड़े नेता हैं. विधानसभा में पिछड़ों के हक की बात उठाते हैं. उन्होंने बंदी में हमारा समर्थन भी किया था. भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) को रोकने के लिए हमारी बात हुई है. हम भाजपा को रोकने के लिए सभी कदम उठाएंगे. जहां आप जाते हैं पुलिस से आपका विवाद हो जाता है, इस पर चन्द्रशेखर ने कहा, "यह बात पुलिस से पूछिए. मैं कौन सा कानून तोड़ता हूं? क्या मेरी नागरिकता चली गई है? 'फ्रीडम आफ स्पीच' को योगी सरकार ने खत्म कर दिया है. सरकार के इशारे पर यह हो रहा है। इसी बात का विरोध है."

सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर उन्होंने कहा, "हम सरकार से पूछकर विरोध नहीं करेंगे, जो गलत होगा उसका विरोध होगा. यह देश सेकुलर (धर्म निरपेक्ष) है. यह (सरकार) कानून, देश तोड़ने वाले हैं. भारतीय संविधान के खिलाफ कुछ होगा तो हम आवाज उठाएंगे. अब धर्म के अधार पर यहां कानून नहीं बनने देंगे." गौरतलब है कि चन्द्रशेखर खुद को बसपा का विकल्प बनाने के प्रयासों में लगे हैं. धीरे-धीरे वह बहुजन समाज पार्टी के गिरते ग्राफ का फायदा लेने की फिराक में हैं. इसी कारण वह मायवती पर सीधे हमले करने से बच रहे हैं. बसपा के कई असंतुष्ट नेता उनके संपर्क में हैं.

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लखनऊ प्रवास के दौरान चन्द्रशेखर से मिलने बसपा के सुनील चित्तौड़, पूर्व ओएसडी गंगाराम समेत कई नेता पहुंचे थे. भीम आर्मी की नजर दलित-मुस्लिम गठजोड़ के साथ पिछड़ा वोट पर टिकी है. भीम आर्मी काशीराम की जयंती पर 15 मार्च को अपने नए राजनीतिक दल का गठन करने जा रही है. हालांकि, 2022 के चुनाव में उनका ये कदम कितना सफल होगा ये समय बताएगा परंतु बसपा के लिए वे बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं.