असम: कोकराझार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए जलाए गए 70 हजार दीये, PM ने धन्यवाद देते हुए कहा- मुझे भी कार्यक्रम का है बेसब्री से इंतजार

पीएम मोदी के स्वागत के लिए असम के कोकराझार शहर में 70 हजार मिट्टी के दीपक जलाए गए हैं. इस कार्यक्रम को लेकर पीएम मोदी भी काफी उत्साहित हैं. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है- धन्यवाद कोकराझार, मुझे कल के कार्यक्रम का बेसब्री से इंतजार है.

पीएम मोदी के स्वागत में कोकराझार हुआ दीयों से रोशन (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) शुक्रवार को असम (Assam) में कोकराझार (Kokrajhar) का दौरा करेंगे, जहां वह बोडो समझौते (Bodo Accord) पर हस्ताक्षर होने का जश्न मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होंगे. बता दें कि नागरिकता कानून (CAA) लागू होने और इसके खिलाफ शुरु हुए विरोध प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री का पहला पूर्वोत्तर दौरा होगा. ऐतिहासिक बोडो समझौते पर हस्ताक्षर के जश्न में कोकराझार की यात्रा को लेकर पीएम मोदी के स्वागत की भव्य तैयारियां की गई हैं. उनके स्वागत के लिए कोकराझार शहर में 70 हजार मिट्टी के दीपक (Earthen Lamp) जलाए गए हैं. इस कार्यक्रम को लेकर पीएम मोदी भी काफी उत्साहित हैं. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है- धन्यवाद कोकराझार, मुझे कल के कार्यक्रम का बेसब्री से इंतजार है.

उन्होंने कहा कि मैं असम में दौरे को लेकर उत्सुक हूं.  मैं एक जनसभा को संबोधित करने के लिए कोकराझार में रहूंगा. हम बोडो समझौते पर सफलतापूर्वक हस्ताक्षर किए जाने का जश्न मनाएंगे जिससे दशकों की समस्या का अंत होगा. यह शांति और प्रगति के नए युग की शुरूआत का प्रतीक होगा.

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पीएम मोदी के भव्य स्वागत के लिए कोकराझार को 70 हजार मिट्टी के दीयों से रोशन किया गया है. कोकराझार के लोगों का अपने लिए प्यार देखकर पीएम मोदी ने कोकराझार के सभी भाईयों और बहनों का धन्यवाद किया है.

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बोडो समझौते पर हस्ताक्षर 27 जनवरी को सरकार द्वारा नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट आफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के चार धड़ों, आल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन और एक नागरिक समाज समूह के साथ किया गया था. इसका उद्देश्य असम के बोडो बहुल क्षेत्रों में दीर्घकालिक शांति लाना है. यह भी पढ़ें: राज्यसभा में PM मोदी विपक्ष पर जमकर बरसे, कहा- वोटबैंक के लिए NPR के खिलाफ फैला रहे हैं अफवाह

प्रधानमंत्री ने हाल के एक ट्वीट में हस्ताक्षर वाले दिन को ‘भारत का एक बहुत खास दिन बताया था’ और कहा था कि यह बोडो लोगों के लिए परिवर्तनकारी परिणाम लाएगा. समझौते पर हस्ताक्षर होने के दो दिनों में एनडीएफबी के विभिन्न धड़ों के 1615 से अधिक सदस्यों ने अपने हथियार सौंप दिये थे और मुख्यधारा में शामिल हो गए थे.

मोदी ने अपने नवीनतम रेडियो संबोधन कार्यक्रम ‘मन की बात’ में अपील की थी कि जो भी हिंसा के मार्ग पर हैं वे मुख्यधारा में लौट आयें और अपने हथियार डाल दें. मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच एक शिखर बैठक गत दिसम्बर में गुवाहाटी में होनी थी लेकिन सीएए विरोधी प्रदर्शनों के चलते उसे रद्द कर दिया गया था.

(भाषा इनपुट के साथ)

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