असदुद्दीन ओवैसी ने सीएम योगी को घेरा, कहा- UP में 4 लाख हैं कुपोषित बच्चे, बड़ी संख्या में अस्पतालों में डॉक्टरों के पद खाली- मुख्यमंत्री दें जवाब
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर यूपी में सियासत गरमा गई हैं. इसी कड़ी में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सीएम योगी को घेरते हुए कहा कि यूपी में चार लाख तीव्र कुपोषित बच्चे हैं. हजारों में डॉक्टरों के पद खाली हैं. पब्लिक हेल्थ सेंटर और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर बंद पड़े हैं. एक-एक चीज़ का योगी आदित्यनाथ जवाब दें
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर यूपी में सियासत गरमा गई हैं. जीत को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच बयान- बाजी का सिलसिला शुरू हो गया है. इसी कड़ी में हैदराबाद से सांसद व ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) पर हमला बोला है. एआइएमआइएम प्रमुख ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में चार लाख तीव्र कुपोषित बच्चे हैं. हजारों में डॉक्टरों के पद खाली हैं. पब्लिक हेल्थ सेंटर और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर बंद पड़े हैं. एक-एक चीज़ का योगी आदित्यनाथ जवाब दें
वहीं इसके पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्र और यूपी की बीजेपी की सरकार पर एक के बाद एक दो हमले किये. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि संसद में बीजेपी सरकार की मंत्री ने बताया कि देश में सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे (लगभग 4 लाख) यूपी में हैं. वहीं उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी और सीएम योगी खुद को खुद से ही "नंबर 1" का खिताब देते रहे और डबल इंजन की सरकार ने धोखाधड़ी करके यूपी को कुपोषण में नंबर वन बना दिया. यह भी पढ़े: प्रियंका गांधी का बीजेपी पर हमला, कहा- “डबल इंजन” की सरकार ने UP को कुपोषण में बनाया नंबर वन
कुपोषित बच्चों को लेकर ओवैसी ने सीएम योगी को घेरा:
दरअसल अमेठी से सांसद और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न का उत्तर देते हुए बताया कि देश भर में 09,27,606 अत्यंत कुपोषित बच्चों की पहचान की गई है और इनकी उम्र 06 माह से 06 साल के बीच है. इनमें से 3,98,359 बच्चे उत्तर प्रदेश के हैं.
केंद्रीय मंत्री ने संसद को बताया है कि आईसीडीएस-आरआरएस पोर्टल के मुताबिक 30 नवंबर 2020 तक देश में 06 माह से लेकर 06 साल तक के वैसे बच्चों की पड़ताल की गई जो अत्यंत कुपोषण की समस्या से ग्रस्त हैं.