नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने शुक्रवार को कांग्रेस पर उसके तीन तलाक विधेयक को वापस लेने के वादे पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के शाह बानो फैसले को विधायिका द्वारा पलटने के 32 वर्ष बाद, पार्टी ने मुस्लिम महिलाओं के लिए ऐसी जिंदगी का रास्ता चुना है जो 'मानव अस्तित्व के विरुद्ध' है. मंत्री ने अपने ब्लॉग में कहा, "इतिहास खुद को दोहरा रहा है, एक व्यंग के रूप में, ना कि दुखांत के रूप में.
इसने क्रुरता की सोच के साथ खुद को दोहराया है. दिवंगत राजीव गांधी ने सर्वोच्च न्यायालय के शाह बानो फैसले को विधायक द्वारा पलटकर ऐतिहासिक गलती की थी, जो सभी मुस्लिम महिलाओं को भरण-पोषण का अधिकार देती थी. उन्होंने अलग-थलग महिलाओं को गरीबी और अभावग्रस्तता की ओर धकेला."
उन्होंने कहा, "32 वर्षो के बाद, उनका बेटा पीछे धकेलने वाला एक और कदम उठा रहा है. जो न केवल उन्हें गरीबी की ओर धकेल रहा है बल्कि ऐसा जीवन जीने को मजबूर कर रहा है जो मानव जीवन के विरुद्ध है. बरेली की मुस्लिम महिला को जानवरों वाली जिंदगी वाले हालत में भेज दिया गया है."
उन्होंने कहा, "इस खबर ने मेरी अंतरआत्मा को झकझोर दिया. दुर्भाग्यवश, जब सुबह अखबार में यह खबर पढ़कर लोगों का जमीर जागना चाहिए था, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनके साथी अल्पसंख्यक सम्मेलन में तीन तलाक पर सजा के प्रावधान वाले विधेयक को वापस लेने का वादा करते हैं."
उन्होंने कहा कि कुछ घटनाएं इतनी अनर्थक और घृणास्पद होती है कि वह समाज की अंतरआत्मा को झकझोर देती है. बीजेपी नेता ने कहा कि कई समुदायों में गत कई दशकों से उनके पर्सनल लॉ में प्रगतिशील लेकिन महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं.