Apple ने विपक्षी नेताओं को भेजा अलर्ट, हैकिंग को लेकर निशाने पर केंद्र सरकार

विपक्ष के नेताओं को Apple की ओर से बड़ी चेतावनी मिली है. इंडिया अलायंस के चार विपक्षी नेताओं ने दावा किया है उन्हें Apple की ओर से राज्य-प्रायोजित साइबर अटैक की चेतावनी मिली है.

नई दिल्ली: विपक्ष के नेताओं को Apple की ओर से बड़ी चेतावनी मिली है. इंडिया अलायंस के कई विपक्षी नेताओं ने दावा किया है उन्हें Apple की ओर से राज्य-प्रायोजित साइबर अटैक की चेतावनी मिली है. इन नेताओं में शिव सेना (उद्धव गुट) सांसद प्रियंका चतुवेर्दी, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा और कांग्रेस के शशि थरूर और पवन खेड़ा, अखिलेश यादव, असदुद्दीन ओवैसी शामिल हैं. इन नेताओं ने Apple द्वारा भेजे गए अलर्ट को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया है और केंद्र सरकार पर हमला बोला है. दावे के मुताबिक इन नेताओं के iPhones किसी भी वक्त हैक सकते हैं. क्या होते हैं चुनावी बॉन्ड और क्यों उन पर छिड़ी है जंग.

नेताओं ने जो मैसेज साझा किया है उसमें लिखा है "चेतावनी: राज्य-प्रायोजित हमलावर आपके iPhone को निशाना बना सकते हैं," सांसदों को "threat-notifications@apple.com" से प्राप्त संदेश में कहा गया है. “Apple का मानना ​​है कि आपको राज्य-प्रायोजित हमलावरों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है जो आपके Apple ID से जुड़े iPhone को खतरे में डालने की कोशिश कर रहे हैं. आप कौन हैं या आप क्या करते हैं, इसके आधार पर ये हमलावर संभवतः आपको व्यक्तिगत रूप से निशाना बना रहे हैं. यदि आपके उपकरण के साथ किसी राज्य-प्रायोजित हमलावर ने छेड़छाड़ की है, तो वे आपके संवेदनशील डेटा, संचार, या यहां तक ​​कि कैमरा और माइक्रोफ़ोन तक पहुंचने में सक्षम हो सकते हैं. हालांकि यह संभव है कि यह गलत अलार्म हो, कृपया इस चेतावनी को गंभीरता से लें.''

विपक्षी नेताओं को Apple ने भेजा अलर्ट

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पोस्ट किया, “प्रिय मोदी सरकार, आप ऐसा क्यों कर रहे हैं?” “आश्चर्य है कौन है ये? आपको शर्म आनी चाहिए. “Apple खतरे की सूचनाएं उन उपयोगकर्ताओं को सूचित करने और सहायता करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं, जिन्हें राज्य-प्रायोजित हमलावरों द्वारा लक्षित किया गया हो सकता है."

शिव सेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है, ''जिस तरह से मुझे कल रात चेतावनी मिली, उससे पता चलता है कि यह केंद्र सरकार का पूरा प्लान है और मुझे सावधानी बरतने की जरूरत है. चेतावनी में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ये हमले 'राज्य प्रायोजित' हैं'...केवल विपक्ष के नेताओं को ही ऐसे संदेश क्यों मिल रहे हैं? इससे पता चलता है कि बड़े पैमाने पर विपक्ष के निगरानी की चल रही है. इसकी जांच होनी चाहिए और केंद्र को इस पर स्पष्टीकरण देने की जरूरत है.."

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