तूतीकोरीन हिंसा: रजनीकांत ने की पीड़ितों से मुलाकात, NHRC से जांच की मांग

तूतीकोरिन में प्लांट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की फायरिंग में 13 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई जख्मी हुए थे.

तूतीकोरिन विवाद: रजनीकांत की एंट्री (Photo Credit-ANI Twitter/PTI)

चेन्नई: तमिलनाडु के तूतीकोरिन में कॉपर स्टरलाइट प्लांट को लेकर मचे विवाद में अब राजनेता से अभिनेता बने सुपरस्टार रजनीकांत भी कूद गए है. इसी कड़ी में रजनीकांत ने आज पीड़ितों से मिलने पहुंच गए है. जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गयी है. बता दें कि इससे पहले ही अभिनेता से राजनेता बनें रजनीकांत ने चेन्नई में कहा था कि आज वह तूतीकोरिन का दौरा करेंगे और पीड़ितों के परिवारवालों से भी मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही रजनीकांत ने इस मामले की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से जांच की मांग की है. गौरतलब है कि तूतीकोरिन में प्लांट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की फायरिंग में 13 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई जख्मी हुए थे.

रजनीकांत ने इस मामले पर हो रही राजनीति की जमकर आलोचना करते पूरे घटनाक्रम की सीबीसीआईडी जांच की मांग की है. दूसरी तरफ तमिलनाडु राज्य उद्योग संवर्धन निगम लिमिटेड (एसआईपीसीओटी) ने तूतीकोरिन में स्थित वेदांता ग्रुप के स्टरलाइट कॉपर प्लांट के प्रस्तावित विस्तार के लिए जमीन के आवंटन को रद्द कर दिया है.

आखिर क्या है तूतीकोरिन विवाद?

बता दें कि तूतीकोरिन जिले में वेदांता समूह की एक फैक्ट्री के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी.साथ ही इस दौरान पुलिस फायरिंग के बाद इलाके में धारा 144 लगाई गई थी. हालांकि जिसे 3 दिन पहले हटा लिया गया था.

ज्ञात हो कि वेंदाता लिमिटेड के तूतीकोरिन कॉपर प्लांट को बंद करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले का असर लगभग 800 छोटी और मध्यम इकाइयों पर पड़ेगा. ये सभी इलेक्ट्रिकल सेक्टर से जुड़ी हैं. भारत के कुल कॉपर उत्पादन का 40 प्रतिशत इस प्लांट से निकलता था. इस प्लांट के बंद होने से केबल, तार और ट्रांसफॉर्मर बनाने वाले लोगों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा.

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