कोलकता: नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर दूसरे अन्य राज्यों के साथ पश्चिम बंगाल में भी विरोध हो रहा है. इस राज्य में भी लोग मोदी सरकार के फैसले का विरोध कर सड़कों पर प्रदर्शन रहे हैं. वहीं ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) द्वारा सीएए और एनआरसी पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराने की मांग वाले बयान पर उनके खिलाफ बयान बाजी तेज हो गई है. मोदी सरकार में मंत्री गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि ममता बनर्जी तनाव में हैं, इसलिए नागरिकता कानून का मामला यूएन ले जाना चाहती हैं. वहीं ममता के उस बयान को लेकर पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने हमला करते हुए उन्हें पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप लगाया है.
दिलीप घोष ने अपने बयान में कहा कि ममता बनर्जी पाकिस्तान की तरफ हर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने की की बात कर रही है. उन्होंने उनके बारे में कहा कि वह ना तो संसद को मानती हैं और की राष्ट्रपति को इसलिए उन्हें अपने पद पर रहने का अधिकार नहीं हैं. क्योंकि जिस तरह से पाकिस्तान हर मुद्दे पर यूएन जाने की धमकी देता है, उसी तरह वे भी देश के कानून को मानने से इनकार कर रही हैं और संयुक्त राष्ट्र जाने की बात कह रही हैं. यह भी पढ़े: केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने CM ममता बनर्जी पर साधा निशाना, कहा- उनको देश से माफी मांगनी चाहिए
West Bengal BJP chief Dilip Ghosh accused Chief Minister Mamata Banerjee of speaking the language of Pakistan.
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— ANI Digital (@ani_digital) December 21, 2019
बता दें कि ममता बनर्जी सीएए और एनआरसी का विरोध करते हुए एक बयान दिया है कि इस पूरे मामले पर यूएन या किसी निष्पक्ष संस्था की निगरानी में जनमत संग्रह करानी चाहिए. जिसके बाद से ही उनके इस बयान का विरोध होना शुरू हो गया. ममता के इस बयान को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी विरोध जता चुकी हैं. उन्होंने कहा है कि भारत ने अपने अंदरुनी मामलों में कभी तीसरे पक्ष या किसी भी अंतरराष्ट्रीय संस्था का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया है. इसलिए इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप करने की बात करना गलत है.