Modi is Most Popular PM: लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा 'आजादी के बाद पीएम मोदी की सरकार ही ऐसी है जिसने सबसे ज्यादा लोगों का भरोसा जीता. पीएम मोदी जनता के बीच सबसे लोकप्रिय नेता हैं...पीएम मोदी देश की जनता के लिए अथक प्रयास करते हैं। वह बिना एक भी छुट्टी लिए दिन में लगातार 17 घंटे काम करते हैं. लोग उन पर भरोसा करते हैं.'
अमित शाह ने कहा भारतीय राजनीति को तीन नासूर- भ्रष्टाचार, परिवारवाद, तुष्टिकरण ने घेर लिया था. पीएम मोदी ने इसे दूर किया. भ्रष्टाचार क्विट इंडिया, परिवारवाद क्विट इंडिया, तुष्टिकरण क्विट इंडिया. PM मोदी चाहते हैं मणिपुर की आग ऐसे ही जलती रहे, उन्होंने हिंसा पर एक शब्द नहीं कहा: राहुल गांधी
उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव से गठबंधन के चेहरे उजागर होते हैं. तीन का जिक्र करूंगा. दो यूपीए सरकार के खिलाफ थे. एक NDA के खिलाफ. 1993 में नरसिम्हा सरकार थी. उसके खिलाफ प्रस्ताव आया. नरसिम्हा को सरकार किसी भी तरह सत्ता में बने रहना था. नरसिम्हा अविश्वास प्रस्ताव जीत गई. बाद में कई लोगों को जेल की सजा हुई, इसमें नरसिम्हा राव भी शामिल थे. क्योंकि झारखंड मुक्ति मोर्चा को घूस देकर प्रस्ताव पर विजय प्राप्त की गई. आज कांग्रेस और मुक्ति मोर्चा भी वहीं है.
#AWTCH | After Independence, PM Modi's govt is only there which won the trust of most of the people. PM Modi is the most popular leader among the public...PM Modi works tirelessly for the people of the country. He works continuously for 17 hours a day, without taking a single… pic.twitter.com/BMsO7wXTTL
— ANI (@ANI) August 9, 2023
2008 में मनमोहन सरकार विश्वास प्रस्ताव लेकर आई. ऐसा वातावरण था कि इनके पास बहुमत नहीं है. बहुमत था भी नहीं. उस वक्त सबसे कलंकित घटना देखी गई. सांसदों को करोड़ो रुपये की घूस दी गई. कुछ सांसद सदन के सामने आए और संरक्षण मांगा. हालांकि, तब सरकार को बचा लिया गया था.
यूपीए का चरित्र यह है कि अविश्वास प्रस्ताव आए या विश्वास प्रस्ताव लाना पड़े इससे बचने के लिए सारे सिद्धांत, चरित्र, कानून, परंपरा से सत्ता को संभालना होता है.
वहीं 1999 में अटल सरकार थी. अविश्वास प्रस्ताव आया. कांग्रेस ने जो किया वो हम भी कर सकते थे. घूस देके सरकार बचा सकते थे. लेकिन हमने ऐसा नहीं किया. अटल वाजपेयी ने अपनी बात रखी और कहा कि संसद का जो फैसला है वह माना जाए. सिर्फ एक वोट से सरकार चली गई. UPA की तरह हम सरकार नहीं बचा सकते थे? बचा सकते थे लेकिन कई बार प्रस्ताव के वक्त चरित्र उजागर होता है.
कांग्रेस का चरित्र भ्रष्टाचार का है. वहीं बीजेपी चरित्र सिद्धांत के लिए राजनीति करने वाला है. वाजपेयी की सरकार गई लेकिन अगली बार भारी बहुमत से वह जीते और पीएम बने.