एनपीआर और NRC में कोई अंतर नहीं, गृह मंत्री देश को कर रहे है गुमराह: असदुद्दीन ओवैसी
एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गृहमंत्री अमित शाह पर बुधवार को निशाना साधा है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) नेता ने कहा कि नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) और एनआरसी में कोई अंतर नहीं है. केंद्रीय गृहमंत्री देश को गुमराह कर रहे हैं.
नई दिल्ली: एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने गृहमंत्री अमित शाह पर बुधवार को निशाना साधा है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) नेता ने कहा कि नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) और एनआरसी में कोई अंतर नहीं है. केंद्रीय गृहमंत्री देश को गुमराह कर रहे हैं.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि एनपीआर और एनआरसी में कोई फर्क नहीं है. इसका सभी राजनीतिक दल एक साथ मिलकर विरोध करेंगे. इससे पहले उन्होंने कहा कि एनपीआर एनआरसी की तरफ पहला कदम है. सिर्फ नाम ही अलग है. NRC पर अमित शाह का बड़ा बयान, बोले- पीएम मोदी की बात सही, इस पर अभी नहीं हुई कोई चर्चा
ओवैसी का आरोप है कि एनपीआर के जरिए एनआरसी पर काम शुरू हो चुका है. साथ ही उन्होंने कहा कि आग र निचले स्तर का कोई भी अधिकारी एनपीआर में गलती करेगा तो यह गलती एनआरसी में भी रहेगी.
गौरतलब हो कि असदुद्दीन ओवैसी द्वारा नागरिकता संशोधन कानून की आलोचना पर अमित शाह ने मंगलवार को कहा था कि अगर हम कहें कि सूर्य पूर्व से उगता है तो ओवैसी जी कहेंगे कि सूर्य पश्चिम से उगता है. साथ ही उन्होंने स्पष्ट कहा किया था कि एनपीआर का एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है. दोनों एक दूसरे से बिलकुल अलग है.
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को एनपीआर को मंजूरी दी. एनपीआर देश के नागरिकों का एक रजिस्टर है. एनपीआर के संबंध में लोगों को अपनी पहचान बताने के लिए किसी प्रकार के दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं होगी. अप्रैल 2020 से शुरू होने वाली एनपीआर की प्रक्रिया में लोगों के किसी भी प्रमाण, दस्तावेज और बायोमेट्रिक की कोई आवश्यकता नहीं है. एनपीआर स्व-घोषणा के आधार पर होगा और केवल व्यक्ति की गिनती पर किया जाएगा. 2021 की जनगणना के पहले इसे पूरा कर लिया जाएगा.