सुप्रीम कोर्ट का आदेश, भीड़ द्वारा हिंसा की घटनाओं की रिपोर्ट के लिये पुलिस पोर्टल बनाए
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे भीड़ द्वारा हिंसा और सार्वजनिक और निजी संपत्ति को होने वाले नुकसान की जानकारी अपनी वेबसाइट पर डालें और एक साइबर इंफार्मेशन पोर्टल बनाएं
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे भीड़ द्वारा हिंसा और सार्वजनिक और निजी संपत्ति को होने वाले नुकसान की जानकारी अपनी वेबसाइट पर डालें और एक साइबर इंफार्मेशन पोर्टल बनाएं. देश भर में भीड़ हिंसा की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिये निर्देश जारी करते हुए सर्वोच्च अदालत ने कहा कि जो व्यक्ति सांस्कृतिक कार्यक्रमों के खिलाफ हिंसा की शुरुआत करता है या उसे उकसाता है और उसकी वजह से जान की हानि या सार्वजनिक या निजी संपत्ति का नुकसान होता है तो उससे पीड़ित को मुआवजा दिलवाया जाए.
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि ऐसे मामलों में जहां किसी समूह या संगठन की तरफ से प्रदर्शन का आयोजन किया जाता है जिससे हिंसा हो और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाए तो ऐसे समूह के नेताओं या पदाधिकारियों को खुद अपने आप 24 घंटे के अंदर संबंधित थाने में पूछताछ के लिये पेश होना चाहिए. यह भी पढ़े: केरल बाढ़ पीड़ितों की जान बचाने वाले रियल लाइफ हीरो जिनीश जेरोन की हादसे में मौत
पीठ में न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और डी वाई चंद्रचूड भी शामिल थे। पीठ ने कहा कि कोई भी व्यक्ति प्रतिबंधित हथियार, लाइसेंसी या गैरलाइसेंसी लेकर इन प्रदर्शनों के दौरान आए तो प्रथम दृष्टया यह माना जाए कि उसकी मंशा हिंसा की है और इस संबंध में कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाए.