मोदी सरकार ने इन 10 बैंकों के मर्जर का किया ऐलान, अब देशभर में 27 के बदले होंगे सिर्फ 12 सरकारी बैंक

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों के विलय की घोषणा की है. इसमें कुछ बड़े बैंकों का नाम भी शामिल है. सीतारमण ने बैंकों के विलय के बाद मौजूदा स्थिति में सुधार होने की बात कहीं है.

10 सरकारी बैंकों को मिलाकर बनेंगे 4 बैंक (File Photo)

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र (Public Sector) के 10 बैंकों के विलय (Merger) की घोषणा की है. इसके तहत पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक, कैनरा बैंक, सिंडीकेट बैंक, यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक को मिलाकर 4 बैंक बनाए जाएंगे. सीतारमण ने बैंकों के विलय के बाद मौजूदा स्थिति में सुधार होने की बात कहीं है. साथ ही दावा किया है कि इससे बड़े बैंकों की कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी. हालांकि सीतारमण ने इस दौरान कहा कि बैंकों के वाणिज्यिक फैसलों में सरकार किसी भी तरह से दखलंदाजी नहीं करेगी.

केंद्रीय मंत्री ने निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार शाम एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सुधार से लाभ दिखने लगा है. साल 2019-20 की पहली तिमाही में कुल 14 बैंकों ने मुनाफा कमाया है. इसके साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल फंसा कर्ज (एनपीए) दिसंबर 2018 के अंत में 8.65 लाख करोड़ रुपये से घटकर 7.9 लाख करोड़ रुपये रह गया है.

निर्मला सीतारमण ने इस दौरान बताया कि 250 करोड़ से ज्यादा के लोन पर नजर रखी जाएगी. इसके साथ ही कम वक्त में ज्यादा लोन की स्कीम जारी रहेगी. वहीं नीरव मोदी जैसे मामले रोकने को लेकर खास सतर्कता बरतने की बात भी निर्मला सीतारमण ने की है.

इन बैंकों के साथ होगा विलय-

इस साल जनवरी में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ देना बैंक और विजया बैंक के विलय को मंजूरी दी थी. यह विलय एक अप्रैल से प्रभावी हुआ. इससे पहले सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में उसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय किया है.

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