पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला बोले, पीएम मोदी ने पाकिस्तान, आतंकवादियों और अलगाववादियों के सामने ‘आत्मसमर्पण’ कर दिया है
जम्मू-कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ नहीं कराने की चुनाव आयोग की घोषणा के कुछ ही देर बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान, आतंकवादियों और अलगाववादियों के सामने ‘‘आत्मसमर्पण’’ कर दिया है.
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ नहीं कराने की चुनाव आयोग की घोषणा के कुछ ही देर बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान, आतंकवादियों और अलगाववादियों के सामने ‘‘आत्मसमर्पण’’ कर दिया है. चुनाव आयोग ने रविवार को जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश में लोकसभा चुनाव कुल सात चरणों में कराए जाने की घोषणा की, लेकिन सुरक्षा स्थिति को आधार बताकर जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने से इनकार कर दिया. जम्मू-कश्मीर में पांच चरणों में लोकसभा चुनाव कराए जाएंगे. सुरक्षा कारणों से राज्य की अनंतनाग लोकसभा सीट पर तीन चरणों में मतदान कराए जाएं.
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ‘‘जम्मू-कश्मीर में समय पर विधानसभा चुनाव कराने में नाकामी को देखते हुए मैं कुछ दिनों पहले किए गए अपने ट्वीटों को फिर से ट्वीट कर रहा है, पीएम मोदी ने पाकिस्तान, आतंकवादियों और हुर्रियत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. शाबाश मोदी साहब. 56 इंच का सीना फेल हो गया.’’एनसी नेता ने कहा कि भारत-विरोधी ताकतों के सामने मोदी का ‘‘एकदम से घुटना टेक देना बहुत शर्मनाक’’ है.उन्होंने कहा, ‘‘बालाकोट और उरी पीएम मोदी द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले संभालने के प्रतीक नहीं हैं, बल्कि जम्मू-कश्मीर है...और जरा देखिए कि वहां उन्होंने कैसी कुव्यवस्था कायम कर दी है. भारत विरोधी ताकतों के सामने एकदम से घुटना टेक देना शर्मनाक है.’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 1996 के बाद पहली बार राज्य में विधानसभा चुनाव समय पर नहीं हो रहे. उन्होंने कहा, ‘‘अगली बार जब आप मजूबत नेतृत्व प्रदान करने के लिए मोदी की तारीफ करें तो इसे याद रखें.’’उमर ने कहा कि भीषण बाढ़ से हुई तबाही के बावजूद 2014 में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव समय पर हुए थे, लेकिन अब इसमें देरी करना दिखाता है कि ‘‘भाजपा और उससे पहले भाजपा-पीडीपी गठबंधन ने जम्मू-कश्मीर को कितने घटिया तरीके से संभाला.’’एनसी नेता ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘लोकसभा एवं राज्यसभा और हाल में दिल्ली में सर्वदलीय बैठक में दिए गए (केंद्रीय गृह मंत्री) राजनाथ सिंह के इस आश्वासन का क्या हुआ कि एक साथ चुनाव कराने के लिए सभी सुरक्षा बल उपलब्ध कराए जाएंगे.’’
उमर ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि जम्मू-कश्मीर में समय पर विधानसभा चुनाव नहीं कराकर मोदी वैश्विक मंच पर ‘‘अपनी नाकामी कबूल करने के लिए तैयार हो जाएंगे.’’इस बीच, कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई ने रविवार को आरोप लगाया कि केंद्र द्वारा हालात को ठीक तरीके से नहीं संभाल पाने के कारण राज्य में विधानसभा चुनाव टाल दिए गए हैं.प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी ए मीर ने एक बयान में कहा कि हालात को लेकर केंद्र की ओर से किए जाने वाले बड़े-बड़े दावों की पोल खोल चुकी है। केंद्र ने खुद ही मान लिया है कि हालात काबू के बाहर हैं और माहौल एक साथ चुनाव कराने लायक नहीं है.मीर ने कहा कि विधानसभा चुनाव कराकर लोगों को एक निर्वाचित सरकार देने का केंद्र के पास एक सुनहरा मौका था, क्योंकि सभी राजनीतिक पार्टियां एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में थीं.