नई दिल्ली: केशवानंद भारती (Kesavananda Bharati) का आज केरल में निधन हो गया. संविधान के मूल ढांचे का सिद्धांत दिलाने वाले संत केशवानंद भारती का रविवार को केरल में उम्र संबंधी बीमारियों की वजह से 79 साल की उम्र में निधन हो गया. उनका निधन केरल के कासागोड़ जिले में एडानीर स्थित आश्रम में हुआ. संत केशवानंद भारती के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी दुःख जताया है. प्रधानमंत्री मोदी ने केशवानंद भारती को श्रद्धांजलि दी.
पीएम ने अपने ट्वीट में लिखा, हम पूज्य केशवानंद भारती जी को सामुदायिक सेवा और दलितों को सशक्त बनाने के लिए उनके योगदान को हमेशा याद रखेंगे. भारती जी भारत के संविधान और संस्कृति से बहुत गहराई से जुड़े हुए थे. वह पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे. ओम शांति. यह भी पढ़ें | Kesavananda Bharati Passes Away: धर्मगुरु केशवानंद भारती ने दुनिया को कहा अलविदा, इस ऐतिहासिक केस में थे प्रमुख याचिकाकर्ता.
पीएम मोदी का ट्वीट:
We will always remember Pujya Kesavananda Bharati Ji for his contributions towards community service and empowering the downtrodden. He was deeply attached to India’s rich culture and our great Constitution. He will continue to inspire generations. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 6, 2020
केशवानंद भारती ने लगभग 40 साल पहले केरल सरकार के भूमि सुधार कानून को चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने 'केशवानंद भारती बनाम स्टेट ऑफ केरल' मामले में एक ऐतिहासिक निर्णय सुनाया था जिसके अनुसार, संविधान की प्रस्तावना के मूल ढांचे को बदला नहीं जा सकता. इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के मूल ढांचे का सिद्धांत दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि संविधान में बदलाव तो किया जा सकता है लेकिन उसकी आधारभूत संरचना के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. कोर्ट ने 23 मार्च 1973 को 7:6 के बहुमत से फैसला दिया था कि संसद संविधान के किसी भी हिस्से में उतना ही बदलाव कर सकती है जबतक कि संविधान के बुनियादी ढांचे पर असर न हो.