Modi ki Dukan: लाभार्थियों से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने की 'मोदी की दुकान' से सस्ती कीमत पर दवाइयां खरीदने की अपील

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (7 मार्च) सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 'जनऔषधि दिवस' समारोह को संबोधित किया. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री शिलांग स्थित नॉर्थ ईस्टर्न इंदिरा गांधी रिजनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल साइंस में बने 7500वें 'जनऔषधि केंद्र' को राष्ट्र को समर्पित किया.

पीएम नरेंद्र मोदी (Photo Credits: PIB)

Janaushadhi Diwas Celebration: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने आज (7 मार्च) सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 'जनऔषधि दिवस' समारोह को संबोधित किया. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री शिलांग स्थित नॉर्थ ईस्टर्न इंदिरा गांधी रिजनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल साइंस में बने 7500वें 'जनऔषधि केंद्र' को राष्ट्र को समर्पित किया. प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के लाभार्थियों से पीएम मोदी ने बातचीत भी की. उन्होंने 'मोदी की दुकान' से सस्ती कीमत पर दवाइयां खरीदने की अपील की. पीएम मोदी ने कहा कि जन औषधि योजना का तेजी से प्रसार हो इसके लिए इन केंद्रों का इनसेंटिव भी 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया है. इसके अलावा दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और पूर्वोत्तर के लोगों के लिए 2 लाख रुपयों का इनसेंटिव अलग से दिया जा रहा है. पीएम मोदी ने 7,500 जन औषधि केंद्र राष्ट्र को समर्पित किए

लाभार्थियों से बात करते हुए पीएम मोदी ने जन औषधि चिकित्सक, जन औषधि ज्योति और जन औषधि सारथी अवॉर्ड प्राप्त करने वाले लोगों को बधाई दी. इस दौरान उन्होंने लोगों से अपील कि की वे कम कीमत पर 'मोदी की दुकान' (जन औषधि केंद्र) से दवाइयां खरीदें. उन्होंने कहा “जन औषधि योजना को देश के कोने-कोने में चलाने वाले और इसके कुछ लाभार्थियों से मेरी जो चर्चा हुई है, उससे स्पष्ट है कि ये योजना गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों की बहुत बड़ी साथी बन रही है. ये योजना सेवा और रोज़गार दोनों का माध्यम बन रही है.”

प्रधानमंत्री ने बताया कि जन औषधि जननी इस अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी पोषण और सप्लीमेंट भी अब जन औषधि केंद्रों पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. 1,000 से ज्यादा जन औषधि केंद्र तो ऐसे हैं, जिन्हें महिलाएं ही चला रही हैं, यानी ये योजना बेटियों की आत्मनिर्भरता को भी बल दे रही है.

उन्होंने कहा “इस योजना से पहाड़ी क्षेत्रों में, नॉर्थईस्ट में, जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले देशवासियों तक सस्ती दवा देने में मदद मिल रही है. आज जब 7500वे केंद्र का लोकार्पण किया गया है तो वो शिलांग में हुआ है. इससे स्पष्ट है कि नॉर्थ ईस्ट में जनऔषधि केंद्रों का कितना विस्तार हो रहा है. 7500 के पड़ाव तक पहुंचना इसलिए भी अहम है, क्योंकि 6 साल पहले देश में ऐसे 100 केंद्र भी नहीं थे. हम जितना जल्दी हो सके, उतना जल्दी 10,000 का लक्ष्य पूर्ण करना चाहते हैं.”

इस योजना से फार्मा सेक्टर में संभावनाओं का एक नया आयाम भी खुला है. आज मेड इन इंडिया दवाइयां और सर्जिकल्स की मांग भी बढ़ी हैं. मांग बढ़ने से उत्पादकता भी बढ़ी है, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं. लंबे समय तक देश की सरकारी सोच में स्वास्थ्य को सिर्फ बीमारी और इलाज का ही विषय माना गया. लेकिन स्वास्थ्य का विषय सिर्फ बीमारी और इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि ये देश के पूरे आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित करता है.

बीते वर्षों में इलाज में आने वाले हर तरह के भेदभाव को समाप्त करने का प्रयास किया गया है, इलाज को हर गरीब तक पहुंचाया गया है. ज़रूरी दवाओं को, हार्ट स्टेंट्स को, नी सर्जरी से जुड़े उपकरणों की कीमत को कई गुना कम कर दिया गया है. देश को आज अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है कि हमारे पास मेड इन इंडिया वैक्सीन अपने लिए भी है और दुनिया की मदद करने के लिए भी है.

मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा “हमारी सरकार ने यहां भी देश के गरीबों का, मध्यम वर्ग का विशेष ध्यान रखा है. आज सरकारी अस्पतालों में कोरोना का फ्री टीका लगाया जा रहा है. प्राइवेट अस्पतालों में दुनिया में सबसे सस्ता यानि सिर्फ 250 रुपए का टीका लगाया जा रहा है. हर दिन लाखों साथियों को भारत का अपना टीका लग रहा है.”

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