काम की खबर: दिवाली बाद फिर आसमान छूएंगे पेट्रोल-डीजल के दाम?
दिवाली बाद आम जनता की जेब पर दोबारा इधन की मार लगने की उम्मीद है. दरअसल अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव लगातार बढ़ रहे है. यही वजह है कि घरेलू वायदा बाजार में बुधवार को दिवाली पर आयोजित मुहूर्त सत्र के दौरान कच्चे तेल के दाम में एक फीसदी की तेजी दर्ज की गई है. जिसका असर जल्द पेट्रोल और डीजल के दामों पर पड़ सकता है.
नई दिल्ली: दिवाली बाद आम जनता की जेब पर दोबारा इधन की मार लगने की उम्मीद है. दरअसल अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव लगातार बढ़ रहे है. यही वजह है कि घरेलू वायदा बाजार में बुधवार को दिवाली पर आयोजित मुहूर्त सत्र के दौरान कच्चे तेल के दाम में एक फीसदी की तेजी दर्ज की गई है. जिसका असर जल्द पेट्रोल और डीजल के दामों पर पड़ सकता है.
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के बाद बुधवार को कच्चे तेल के दाम में एक फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है. जानकारी के मुताबिक मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर मुहूर्त कारोबार के दौरान शाम पांच बजे कच्चे तेल का नवंबर अनुबंध 4,525 रुपये प्रति बैरल पर खुला और कारोबार के दौरान 4,576 रुपये प्रति बैरल तक उछला. हालांकि सत्रावसान पर शाम 6.30 बजे पिछले सत्र के मुकाबले 48 रुपये यानी 1.07 फीसदी की बढ़त के साथ 4,552 रुपये प्रति बैरल पर बंद हुआ.
जबकि इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड का जनवरी डिलीवरी अनुबंध 1.39 फीसदी की तेजी के साथ 73.13 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था. वहीं, न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) का दिसंबर डिलीवरी सौदा 1.08 फीसदी की बढ़त के साथ 62.88 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था.
गौरतलब है कि भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव से तय होती हैं क्योंकि भारत अपनी जरूरतों का करीब 80 फीसदी तेल आयात करता है.
जानकार बताते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य फिलहाल कच्चे तेल में नरमी का संकेत देता है, लेकिन यह नरमी अल्पावधि के लिए होगी, क्योंकि ईरान चार अक्टूबर से अमेरिकी प्रतिबंध लगने के बाद परिदृश्य में बदलाव आने की संभावना है. इसके अलावा, सर्दियों में अमेरिका में कच्चे तेल की खपत मांग बढ़ने और गिरावट पर चीन की खरीदारी बढ़ने की सूरत में दोबारा तेजी का रुख बन सकता है.