IAF एयर स्ट्राइक पर बोली शिवसेना, देश को बालाकोट हवाई हमले में मारे गए लोगों के बारे में जानने का है अधिकार

शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि भारतीय नागरिकों को पाकिस्तानमें जैश-ए-मोहम्मद के शिविर पर हुए हवाई हमले (Air Strike) में मारे गए लोगों के बारे में जानने का अधिकार है

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Photo Credits: PTI)

मुंबई: शिवसेना (Shivsena) ने मंगलवार को कहा कि भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान (Pakistan) में जैश-ए-मोहम्मद के शिविर पर हुए हवाई हमले (Air Strike) में मारे गए लोगों के बारे में जानने का अधिकार है और इस तरह की सूचना दे देने से सशस्त्र बलों का मनोबल कम नहीं होगा. शिवसेना ने अपनी सहयोगी पार्टी भाजपा पर तंज कसते हुए अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा कि हवाई हमले पर चर्चा आगामी लोकसभा चुनावों तक चलती रहेगी और 14 फरवरी के पुलवामा हमले (Pulwama Attack) से पहले विपक्ष द्वारा उठाए गए “ज्वलंत मुद्दे” अब ठंडे बस्ते में चले गए हैं.पार्टी ने कहा, “देश के नागरिकों को यह जनाने का अधिकार है कि सुरक्षा बलों ने दुश्मन को कितना एवं किस तरह का नुकसान पहुंचाया है.

हमें नहीं लगता कि यह पूछने से हमारे बलों का मनोबल कम हो जाएगा.”भारतीय वायु सेना के विमानों ने 26 फरवरी को पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर बम गिराए थे। जम्मू-कश्मीर के पुलावामा जिले में आतंकवादी संगठन द्वारा किए गए हमले के जवाब में ये हवाई हमले किए गए। पुलवामा हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे. सरकार ने हवाई हमलों में मारे गए लोगों का आधिकारिक आंकड़ा अब तक नहीं दिया है लेकिन कुछ विपक्ष पार्टियां लगातार इसके सबूत मांग रही है. यह भी पढ़े: CM ममता बनर्जी ने एयर स्ट्राइक को लेकर उठाए सवाल, बोलीं- कहां बम गिराए और कितने आतंकी मारे गए इसका सबूत दे मोदी सरकार

शिवसेना ने पूछा, “पुलवामा हमले में इस्तेमाल किया गया 300 किलोग्राम आरडीएक्स आया कहां से? आतंकवादी शिविरों पर किए गए हवाई हमलों में कितने आतंकवादी मारे गए? इनपर चर्चा चुनाव के अंतिम दिनों तक होती रहेगी क्योंकि पुलवामा हमले से पहले मंहगाई, बेरोजगारी एवं राफेल विमान सौदा विपक्ष के लिए ज्वलंत मुद्दे थे.”पार्टी ने तंज कसते हुए कहा कि इन मुद्दों पर मोदी सरकार का ‘बम’ गिर गया. उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने कहा कि राम मंदिर निर्माण, अनुच्छेद 370 एवं किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दे “खाक हो गए.”

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