LJP में बवाल: दिल्ली से पटना पहुंचे पशुपति कुमार, भतीजे चिराग पासवान को ललकारा

लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पशुपति कुमार पारस ने चिराग पासवान द्वारा उन्हें पार्टी संसदीय दल का नेता चुने जाने को अमान्य ठहराए जाने को बुधवार को चुनौती देते हुए दावा किया यह पार्टी के संविधान के अनुरूप है.

चिराग पासवान (Photo Credits: ANI)

पटना, 17 जून : लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने चिराग पासवान (Chirag Paswan) द्वारा उन्हें पार्टी संसदीय दल का नेता चुने जाने को अमान्य ठहराए जाने को बुधवार को चुनौती देते हुए दावा किया यह पार्टी के संविधान के अनुरूप है. लोजपा में राजनीतिक तख्तापलट के बाद पहली बार पटना पहुंचे पारस ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में चिराग पर निशाना साधते हुए कहा कि लोजपा में एक नेता-एक पद का सिद्धांत है और इसी आधार पर चिराग को कल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाया गया. चिराग ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाले गुट द्वारा लिए गए फैसलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि पार्टी का संविधान उन्हें ऐसा करने का अधिकार नहीं देता. इसपर पारस ने कहा, ‘‘चिराग ने जो बातें कही हैं वो पूरी तरह गलत हैं. जब लोकसभा अध्यक्ष ने मुझे सदन में पार्टी का नेता घोषित कर दिया तो पार्टी दल के संसदीय बोर्ड क्या होता है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘चिराग एक साथ पार्टी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष, सदन में नेता और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभाल रहे थे जो पूरी तरह गलत था. हमने इसे दुरूस्त किया है. पार्टी संविधान में एक नेता एक पद का स्पष्ट उल्लेख है.’’ उन्होंने कहा कि सूरजभान सिंह को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है और बृहस्पतिवार को सिंह के आवास पर पार्टी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा. इससे पहले सूरजभान सिंह के साथ पटना हवाईअड्डा पहुंचने पर सैकड़ों की संख्या में उनके समर्थकों ने पारस का स्वागत किया. वहीं, पार्टी कार्यालय पहुंचने पर चिराग के समर्थकों ने उन्हें काले झंडे दिखाए और उनके खिलाफ नारेबाजी की. लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने स्थिति नियंत्रित कर लिया हालांकि, पारस के प्रदेश पार्टी मुख्यालय पहुंचने से पहले ही उनके समर्थकों ने वहां से चिराग के पोस्टर हटा दिये थे. दिलचस्प बात यह है कि लोजपा के दोनों गुट स्वयं को भाजपा नीत राजग का समर्थक बताते हैं, लेकिन राजग घटक दल भाजपा और जदयू ने अभी तक इसपर कुछ नहीं कहा है. यह भी पढ़ें : तमिलनाडु फतह करने के बाद आज पहली बार PM मोदी से मिलेंगे CM स्टालिन

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने लोजपा के भीतर उथल-पुथल को पार्टी का ‘‘अंदरुनी मामला बताते हुए इसपर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इंकार कर दिया.’’ वहीं, प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल राजद के प्रदेश प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते चिराग पार्टी सांसदों के निष्कासन सहित कोई भी कार्रवाई करने के लिए अधिकृत हैं. उन्होंने कहा कि पारस को लोजपा के टूटे हुए गुट के नेता के रूप में स्वीकार किया जा सकता है लेकिन पार्टी के नेता के तौर पर नहीं. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा और जदयू दोनों ने अपने कनिष्ठ सहयोगी को खत्म करने की साजिश की है.’’ वहीं, लोजपा संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवान के पुराने सहयोगी और राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा, ‘‘लोजपा की टहनियां छंट गईं लेकिन उसका जड़ और तना तो रामविलास भाई के चिराग ही हैं.’’

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