पाकिस्तानी ऐक्टिविस्ट का दावा- भारत के एयर स्ट्राइक में मारे गए 200 से ज्यादा आतंकी, शवों को पाक आर्मी ने दफनाया

बालाकोट एयर स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों को लेकर पाकिस्तानी ऐक्टिविस्ट सेंगे हसनान सेरिंग ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने दावा किया है कि बालाकोट में भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए एयर स्ट्राइक में 200 से ज्यादा आतंकी ढेर हो गए.

फाईटर प्लेन मिराज-2000 (Photo Credits: IANS)

वाशिंगटन: बालाकोट एयर स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों को लेकर पाकिस्तानी ऐक्टिविस्ट सेंगे हसनान सेरिंग ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने दावा किया है कि बालाकोट में भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए एयर स्ट्राइक में 200 से ज्यादा आतंकी ढेर हो गए. जिनके शवों को बाद पाकिस्तानी आर्मी ने वहां से हटा दिया और कही दूसरी जगह दफ़न कर दिया है.

अमेरिका में रह रहे गिलगिट ऐक्टिविस्ट सेरिंग ने ट्विटर पर एक विडियो शेयर करते हुए दावा किया है कि भारत के हमले के बाद 200 आतंकियों के शव को पाकिस्तानी सेना ने हटाया. उन्होंने स्थानीय उर्दू न्यूज़पेपर में छपी खबर के हवाले से बताया की सभी आतंकियों के सावों को बालाकोट से खैबर पख्तूनख्वा पहुंचाया गया. हालांकि इस विडियो की सत्यता की पुष्टी नहीं हो सकी है.

इस विडियो में पाकिस्तानी सेना का एक अधिकारी रोते हुए बच्चे को अपनी गोद में लेकर बैठा है. इस विडियो में कैप्शन लिखा है कि भारत के एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों ने 200 से अधिक आतंकियों को दफनाने की बात कबूल की है. अधिकारी ने आतंकियों को मुजाहिद बताते हुए अल्लाह से मिले विशेष सौगात की बात करते हुए कहा कि ये लोग पाकिस्तान सरकार के लिए दुश्मन के खिलाफ काम कर रहे थे. उनके परिवारों को सहयोग देने की बात की.

कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद घटना की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद(जेईएम) ने ली थी, जिसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में जेईएम के प्रशिक्षण शिविरों पर हमला किया था. जिसमें 200-300 आतंकियों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही थी. हालांकि पाकिस्तान की ओर से दावा किया जा रहा था कि भारतीय फायटर विमानों ने खाली जगह पर जंगल में बम गिराया था.

जिसके बाद 27 फरवरी को दोनों देशों की वायुसेनाओं के बीच झड़प में भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पाकिस्तान ने बंधक बना लिया था. हालांकि भारत के दबाव के कारण एक मार्च को विंग कमांडर को रिहा कर दिया गया.

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