लखनऊ, 2 नवंबर : मौसम में बदलाव के बीच प्याज की मांग बढ़ी तो इसके भाव भी बढ़ने लगे. महज 10 दिनों 25 से 30 रुपए में बिकने वाला प्याज 70 से 80 रुपए तक बिक रहा है. इसका असर आम आदमी की जेब में भी पड़ा है और इसने आंसू निकालने शुरू किया है. हालांकि थोक विक्रेता कहते हैं कि दामों में धीरे धीरे कमी आने लगेगी. बाजारों के जानकर बताते हैं नवरात्रि के बाद से देशभर में प्याज के दाम अचानक बढ़ने लगे हैं. उत्तर प्रदेश में पिछले दस दिनों में प्याज की कीमतों में लगभग दोगुनी बढ़ोतरी हुई है. यहां अलग-अलग बाजारों में प्याज की खुदरा कीमतें 70 से 80 रुपए/किलो तक पहुंच गई हैं. महज 10 दिन में प्याज के भाव दोगुना होने से आम आदमी की जेब पर भी बुरा असर पड़ा है. प्याज के रेट में इस तरह से वृद्धि रसोई का बजट प्रभावित कर रहा तो इसमें बिचौलियों के खेल को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि ठंड बढ़ने और शादी ब्याह का सीजन शुरू होने के साथ प्याज की मांग और बढ़ेगी. इसे देखते हुए प्याज डंप किया जा रहा है.
लखनऊ के दुबगग्गा मंडी के होलसेल विक्रेता ओम मिश्रा कहते हैं कि यह 60 से 70 तक पहुंच गया है, अब धीरे धीरे कम होने लगा है. अभी 45 से 50 के बीच में बिक रहा है. अप्रैल के बाद नंबर और दिसंबर में नई फसल आती है. पुराना माल खत्म हो गया है, इस कारण रेट बढ़े हैं. अभी इस माह के आखिरी और दिसंबर की शुरुआत में महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश गुजरात से माल आने लगेगा तो दाम और भी कम होंगे. अभी चार पांच दिन में आठ से दस रुपए कम होंगे. मिश्र कहते हैं कि फुटकर में किसी भी सब्जी का कोई रेट फिक्स नहीं होता. वो अपने भाड़े के साथ डैमेज माल की कॉस्ट जोड़ लेते हैं. इसलिए फुटकर में अभी भी 60 से 70 और 80 तक यह बिक रहा है. वहीं फुटकर दुकानदारों का कहना है कि अभी आगे और भी प्याज के दाम बढ़ने की संभावना है. पहले टमाटर लाल हुआ था और अब महंगा प्याज लोगों को रुला रहा है. यह भी पढ़ें : पार्टी लाइन से हटकर महाराष्ट्र के विधायकों ने मराठा आरक्षण को लेकर मुंबई में प्रदर्शन किया
प्याज-लहसुन के आढ़ती पर कय्यूम खान ने बताया कि पूर्व के दिनों में हुई अधिक वर्षा के कारण बड़ी मात्रा में मध्य प्रदेश में प्याज खराब हो गया है. फिलहाल नासिक से प्याज आ रहा है और आवक कम होने के कारण फुटकर से लेकर मंडी तक में प्याज की कीमत आसमान छू रही है. वहीं दानिश ने बताया कि चुनाव के कारण भी कुछ गाडियां कम आ रही हैं, इसलिए भी रेट बढ़े हुए हैं. लेकिन एक दो दिन में कुछ दाम कम होंगे. फुटकर विक्रेता घनश्याम बताते हैं कि हमें 55 से 60 रुपए के बीच में प्याज मिल रहा है. अगर 10 - 20 रुपए न लिए जाएं तो काम कैसे चलेगा. इसके दाम धीरे धीरे ही कम होने की संभावना है.
ग्रहणी किरण कहती हैं कि हर सब्जी में प्याज के बैगर काम चलने वाला नहीं है. लेकिन अभी हाल में इसके दाम करीब दो गुना हो गए हैं. इससे काफी दिक्कत हो रही है, बजट गड़बड़ हो रहा है. 60 से 70 रुपए के बीच में प्याज के दाम हैं. ठेला वाले तो 80 और 90 के बीच में बेच रहे हैं. इधर प्याज की कीमत इतनी अधिक हो गई है कि मध्यम व गरीब वर्ग के लोग कीमत सुनकर ही खरीदारी नहीं करते हैं. उपभोक्ता मंत्रालय ने इस स्थिति से निपटने के लिए कमर कसी है. इससे जुड़े राष्ट्रीय सहयोग उपभोक्ता महासंघ ( एनसीसीएफ) ने सस्ती दर पर प्याज बेचना शुरू किया है. एनसीसीएफ की गाड़ियों पर जमकर भीड़ उमड़ी. वह भी उस सूरत में जबकि सस्ती दर पर प्याज बेचने की कोई सूचना जारी नहीं की गई थी.
महासंघ के निदेशक कहते हैं कि सरकार दामों को नियंत्रित करने का पूरा प्रयास सरकार कर रही है. दाम नियंत्रित होने तक महासंघ सस्ते रेट पर ब्याज बेचेगा. आर्थिक और व्यापार मामले के जानकर वीरेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि सरकार को सब्जी के दाम नियंत्रण करना चाहिए. कभी टमाटर 110 रूपए किलो बिकता है कभी 10 रुपए में बिकने लगता है. सरकार को इसके दामों को नियंत्रित करने के लिए सीजन के थोड़ा पहले अपने अधिकारियों को अलर्ट करे. नए सिस्टम को विकसित करे. जिससे आम आदमी की जेब न कट सके.