One Nation One Election: अधीर रंजन चौधरी ने 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के लिए बनी समिति में शामिल होने का प्रस्ताव ठुकराया, जानें वजह
Adhir Ranjan Chowdhary (Photo Credit: Twitter)

नई दिल्ली, 3 सितंबर: लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित आठ सदस्यीय समिति में शामिल होने का निमंत्रण ठुकरा दिया. यह घटनाक्रम केंद्र द्वारा विकल्प तलाशने के लिए आठ सदस्यीय समिति की घोषणा के बाद आया है, जिसका उद्देश्य स्थानीय निकायों, राज्यों और केंद्र के लिए एक साथ चुनाव कराने की गुंजाइश का पता लगाना है. यह भी पढ़ें: One Nation-One Election वाली कमेटी में शामिल नहीं होंगे अधीर रंजन चौधरी, अमित शाह को लिखी चिट्ठी

एक पत्र में चौधरी ने कहा, "मुझे अभी मीडिया के माध्यम से पता चला है और एक गजट अधिसूचना सामने आई है कि मुझे लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की गुंजाइश बनाने के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है."

उन्‍होंने कहा, "मुझे उस समिति में काम करने से इनकार करने में कोई झिझक नहीं है, जिसके संदर्भ की शर्तों को इसके निष्कर्षों की गारंटी देने के लिए तैयार किया गया है. मुझे डर है कि यह पूरी तरह से धोखा है. आम चुनाव से कुछ महीने पहले राष्ट्र पर गैर-व्यवहार्य और तार्किक रूप से लागू न होने वाला विचार थोपना सरकार के गुप्त उद्देश्यों के बारे में गंभीर चिंता पैदा करता है."

“इसके अलावा, मुझे लगता है कि राज्यसभा में मौजूदा एलओपी को समिति से बाहर रखा गया है. यह संसदीय लोकतंत्र की व्यवस्था का जानबूझकर किया गया अपमान है. इन हालात में मेरे पास आपके निमंत्रण को अस्वीकार करने के अलावा मेरे पास कोई विकल्प नहीं है."

उनकी यह टिप्पणी सरकार द्वारा 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की गुंजाइश तलाशने के लिए आठ सदस्यीय समिति गठित किए जाने के बाद आई है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और सदस्य के रूप में गृहमंत्री अमित शाह और अन्य होंगे. पहली बार किसी पूर्व राष्ट्रपति को सरकार की समिति में लाया गया है.

गजट अधिसूचना में कहा गया है कि कोविंद को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आजाद और अन्य को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है.

15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी आठ सदस्यीय पैनल में शामिल अन्य नाम हैं.