ओमिक्रॉन मामले कम गंभीर, अस्पताल में भर्ती होने की संख्या भी कम: दक्षिण अफ्रीका अध्ययन
दक्षिण अफ्रीका में किए गए ओमिक्रॉन के एक ताजा अध्ययन से पता चला है कि देश में कोविड-19 की पिछली लहरों की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने की संख्या कम और गंभीर लक्षण कम थे.
नई दिल्ली, 8 जनवरी : दक्षिण अफ्रीका में किए गए ओमिक्रॉन के एक ताजा अध्ययन से पता चला है कि देश में कोविड-19 की पिछली लहरों की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने की संख्या कम और गंभीर लक्षण कम थे. दक्षिण अफ्रीका के गौतेंग प्रांत ने ओमिक्रॉन संक्रमण के उपरिकेंद्र ने पहले ही देश के महामारी विज्ञान अद्यतन के अनुसार, कोविड के मामलों में कमी दिखाई है. अध्ययन ने सार्स-सीओवी-2 संक्रमण के साथ अस्पताल में भर्ती रोगियों की नैदानिक गंभीरता का वर्णन किया और इसकी तुलना गौतेंग प्रांत में बीटा-प्रभुत्व वाली दूसरी और डेल्टा-प्रभुत्व वाली तीसरी लहरों के पहले चार हफ्तों से की.
दूसरी, तीसरी और चौथी लहर में क्रमश: 41,046, 33,423 और 133,551 सार्स-सीओवी-2 मामले सामने आए. "चौथी लहर के दौरान लगभग 4.9 प्रतिशत मामलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जबकि दूसरी और तीसरी लहर के दौरान 18.9 प्रतिशत और 13.7 प्रतिशत मामलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था." चौथी लहर के दौरान, दूसरी और तीसरी लहर में 60.1 प्रतिशत और 66.9 प्रतिशत की तुलना में 28.8 प्रतिशत गंभीर रोग थे. अध्ययन में कहा गया है, "ओमिक्रॉन-प्रभुत्व वाली चौथी लहर में भर्ती मरीजों में डेल्टा-प्रभुत्व वाली तीसरी लहर के दौरान भर्ती मरीजों की तुलना में गंभीर बीमारी होने की संभावना 73 प्रतिशत कम थी." शोधकर्ताओं ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के गौतेंग प्रांत में ओमिक्रॉन-प्रभुत्व वाली चौथी लहर के पहले चार हफ्तों के दौरान भर्ती किए गए मामलों का अनुपात कम था और भर्ती किए गए लोग कम गंभीर थे. यह भी पढ़ें : पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा, 10 मार्च को होगी मतगणना
दक्षिण अफ्रीका ने रात के समय के कर्फ्यू जैसे कुछ प्रतिबंधों को पहले ही हटा लिया है, यह मानते हुए कि देश ने अपनी चौथी कोविड लहर के चरम को पार कर लिया है. देश में एक विशेष कैबिनेट बैठक के एक लेटेस्ट बयान के अनुसार, "सभी संकेतक बताते हैं कि देश ने राष्ट्रीय स्तर पर चौथी लहर के शिखर को पार कर लिया है." बयान में कहा गया है, "जबकि ओमिक्रॉन वेरिएंट गंभीर नहीं है, पिछली लहरों की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने की दर कम रही है."