
Odisha News: ओडिशा के मयूरभंज जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक आदिवासी परिवार को गांव से सिर्फ इसलिए बहिष्कृत कर दिया गया क्योंकि उन्होंने अपने बुजुर्ग सदस्य की मौत के बाद आयोजित भोज में 'हंडिया' यानी पारंपरिक चावल से बनी शराब नहीं परोसी थी. घटना सरात थाना क्षेत्र के केसापाड़ा गांव की है. यहां संथाल समुदाय से ताल्लुक रखने वाले राम सोरेन की 27 मार्च को मौत हो गई थी. उनके बेटे संग्राम सोरेन ने परंपरा के अनुसार, एक महीने बाद गांव में सामुदायिक भोज का आयोजन किया.
लेकिन उन्होंने इसमें हंडिया परोसने से मना कर दिया, क्योंकि उनके पिता खुद शराब की लत के शिकार थे और यही उनकी मौत का कारण बना.
परिवार को गांव से किया निष्कासित
संग्राम ने बताया कि उन्होंने कई आदिवासी परिवारों को शराब की वजह से बर्बाद होते देखा है, इसलिए उन्होंने भोज में शराब परोसने से इनकार कर दिया. लेकिन यह फैसला गांववालों को नागवार गुजरा. उसके बाद से संग्राम, उनकी पत्नी लच्छा और तीन बच्चों को गांव से सामाजिक रूप से बहिष्कृत कर दिया गया.
जबकि, संथाल समुदाय के एक पुजारी ने साफ किया कि हंडिया को अंतिम संस्कार के समय मृतक के पास रखना परंपरा है, लेकिन भोज में लोगों को परोसना कोई धार्मिक अनिवार्यता नहीं है. यह मृतक परिवार की मर्जी और आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है.
राशन-पानी भी नहीं लेने दे रहे लोग
संग्राम और लच्छा का आरोप है कि गांव के लोग उन्हें तालाब और ट्यूबवेल से पानी तक नहीं भरने दे रहे हैं. गांव की दुकानों से राशन या खाने-पीने की चीजें खरीदने पर भी पाबंदी लगा दी गई है. कोई उनसे बात तक नहीं करता और मजदूरी का काम भी नहीं दे रहा.
लच्छा ने बताया कि एक ग्रामीण ने तो उनसे बात करने के लिए 2,000 रुपए का जुर्माना भी भरने को कहा. उनकी 13 वर्षीय बेटी और दो छोटे बेटे भी इस बहिष्कार से बहुत प्रभावित हैं.
पुलिस ने ग्रामीणों को दी चेतावनी
शिकायत मिलने के बाद सरात थाना प्रभारी रमाकांत पात्रा खुद टीम के साथ गांव पहुंचे और ग्रामीणों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि किसी को भी इस तरह सामाजिक रूप से बहिष्कृत नहीं किया जा सकता. गांव वालों को दो दिन का समय दिया गया है कि वे आपसी समझ से मामला सुलझाएं, नहीं तो पुलिस कानूनी कार्रवाई करेगी.
यह मामला समाज में आज भी मौजूद कुरीतियों और दबाव की ओर इशारा करता है, जहां परंपराओं के नाम पर व्यक्तिगत स्वतंत्रता और मानवाधिकारों को ताक पर रख दिया जाता है.