ऋषि सुनक ही नहीं, दुनियां के कई देशों में भारतीय मूल के लोग संभाल रहे हैं सत्ता की कमान
भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जिसे विश्व गुरु के नाम से भी जाना जाता रहा है. एक ऐसा देश जो अपने ज्ञान, वैभव और शीलता की वजह से पूरे दुनिया में विश्व विख्यात है. एक बार फिर ब्रिटेन में भारतीय मूल के ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद भारत का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है.
भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जिसे विश्व गुरु के नाम से भी जाना जाता रहा है. एक ऐसा देश जो अपने ज्ञान, वैभव और शीलता की वजह से पूरे दुनिया में विश्व विख्यात है. एक बार फिर ब्रिटेन में भारतीय मूल के ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद भारत का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है. दुनिया में भारत का गौरव बढ़ा है. ब्रिटेन की सत्ता पर ऋषि सुनक के काबिज होने के साथ में एक बार फिर से यह साबित हो गया है कि भारतवंशी दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहे वो सबसे उम्दा और सबसे अलग हैं. सुनक की इस उपलब्धि पर भारत में जश्न का माहौल है. सुनक के पीएम बनने के बाद सोशल मीडिया पर भारतवंशियों की चर्चाएं एक बार फिर से जोरों पर है. आइए जानते हैं भारतीय मूल के लोग दुनिया में किन-किन महत्वपूर्ण पदों पर काबिज हैं?
कमला हैरिस
दुनिया की सबसे ताकतवर मुल्क माने जाने वाली अमेरिका की मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भारतीय मूल की हैं उनकी जड़ें भारत से जुड़ती है. डेमोक्रेटिक पार्टी से आने वाली कमला अमेरिकी इतिहास में उपराष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला और इस पद पर पहुंचने वाली भारतीय मूल की भी पहली महिला हैं. कमला हैरिस हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी और हेस्टिंग्स कॉलेज ऑफ लॉ से ग्रैजुएट हैं. 20 जनवरी 2021 को वह अमेरिका की 49वीं उपराष्ट्रपति बनी थीं. 57 वर्षीय हैरिस की जड़ें भारत के तमिलनाडु राज्य से जुड़ी हैं. उनकी मां श्यामला गोपालन का जन्म तमिलनाडु में हुआ था. श्यामला एक ब्रेस्ट कैंसर रिसर्चर थीं, जो बाद में तमिलनाडु से जाकर अमेरिका में बस गई थीं. कमला हैरिस का कहना है, ‘मेरी मां को अपनी भारतीय विरासत पर बहुत गर्व था और उन्होंने हमें अपनी संस्कृति पर गर्व करना सिखाया.’ कमला हैरिस को बचपन में उनकी मां मंदिर ले जाती थीं, जहां वो संगीत भी गाया करती थीं. कमला और उनकी बहन बचपन में कई बार मद्रास (अब चेन्नई) में अपनी मां की फैमिली से मिलने आ चुकी हैं.
ऋषि सुनक
ब्रिटेन में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच इतिहास रचते हुए प्रधानमंत्री बनने वाले ऋषि सुनक भी भारतीय मूल के पहले व्यक्ति हैं. ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को ब्रिटेन के साउथम्पटन में एक भारतीय परिवार में हुआ था. उनके पिता यशवीर नेशनल हेल्थ सर्विस यानी NHS के जनरल प्रैक्टिशनर और उनकी मां ऊषा एक फार्मासिस्ट थीं. उनके दादा-दादी पंजाब से हैं. ऋषि ने इंफोसिस कंपनी के फाउंडर नारायणमूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ती से 2009 में शादी की थी. ऋषि और अक्षता की दो बेटियां अनुष्का और कृष्णा हैं.
चान संतोखी
पुलिस अधिकारी से राजनेता बने 63 वर्षीय चंद्रिकाप्रसाद ‘चान’ संतोखी सूरीनाम के वर्तमान राष्ट्रपति हैं. संतोखी का जन्म 3 फरवरी 1959 को भारतीय-सूनीनामीज हिंदू परिवार में हुआ था. 19वीं सदी की शुरुआत में संतोखी के दादा को अंग्रेज बिहार से मजदूर के रूप में सूरीनाम ले गए थे.1982 में वह 23 साल की उम्र में मॉरिशस पुलिस में इंस्पेक्टर के तौर पर जुड़े. 1989 में वह नेशनल क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट के प्रमुख बने और 1991 में पुलिस कमिश्नर बने. 2005 में उनकी राजनीति में एंट्री मिनिस्टर ऑफ जस्टिस एंड पुलिस के रूप में हुई थी. संतोखी अब सूरीनाम की प्रोग्रेसिव रिफॉर्म पार्टी के नेता हैं. 2 दिसंबर 2020 तो संतोखी सूरीनाम के नौवें राष्ट्रपति बने. उन चुनावों में एकमात्र उम्मीदवार होने की वजह से वह निर्विरोध चुने गए थे. 2020 में चान ने सूरीनाम की वकील मेलिसा कविता देवी सीनाचेरी से शादी की थी. चान के चार बच्चे हैं, जिनमें से दो सीनचेरा की पिछली शादी से हैं.संतोखी ने राष्ट्रपति बनने की शपथ हाथ में वेदों लेकर संस्कृत श्लोकों और मंत्रों को पढ़ते हुए ली थी.
भरत जगदेव
भारतीय मूल के भरत जगदेव 2020 से गुयाना के उपराष्ट्रपति हैं. वह भारतीय मूल के गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली के एडमिनिस्ट्रेशन में शामिल हैं. इससे पहले वह 1997 से 1999 तक गुयाना के उपराष्ट्रपति रह चुके हैं. उनका जन्म 23 जनवरी 1964 को गुयाना में एक भारतीय हिंदू परिवार में हुआ था. जगदेव महज 13 साल की उम्र में ही गुयाना की पीपुल्स प्रोग्रेसिव पार्टी की यूथ विंग से जुड़ गए थे और 16 की उम्र तक उसके नेता बन गए थे. 1990 में उन्होंने मॉस्को स्थित पैट्रिक लुमुंबा पीपुल्स फ्रेंडशिप यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में मास्टर्स डिग्री हासिल की थी. 1993 में वह जूनियर फाइनेंस मिनस्टर और 1995 में सीनियर फाइनेंस मिनिस्टर बने. 1997 से 1999 तक वह देश के उपराष्ट्रपति रहे एवं 1999 में वह 35 साल की उम्र में गुयाना के राष्ट्रपति बने. कहा जाता है 1912 में जगदेव के दादा राज जियावन उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले से मजूदर के रूप में अंग्रेजों द्वारा गुयाना ले जाए गए थे. आगे चलकर इसी परिवार से निकले भरत जगदेव गुयाना के राष्ट्रपति बने.
एंटोनियो कोस्टा
एंटोनिया कोस्टा पुर्तगाल के वर्तमान प्रधानमंत्री हैं और 2022 में हुए हालिया चुनावों में जीत के बाद वह तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं. पुर्तगाल की सोशलिस्ट पार्टी से आने वाले एंटोनियो आधे पुर्तगाली और आधे भारतीय हैं. पेशे से लेखक रहे उनके पिता ओरलैंडो द कोस्टा का जन्म भारतीय राज्य गोवा के एक भारतीय परिवार में हुआ था. वे भारत के समर्थकों के लिए कोस्टा ‘बाबुश’ के नाम से जाने जाते हैं. कोंकणी में इसका मतलब होता है एक प्यारा युवा. पुर्तगाल में उन्हें ‘लिस्बन का गांधी’ कहा जाता है.
प्रविंद जगन्नाथ
25 दिसंबर 1961 को मॉरिशस में भारतीय मूल के हिंदू परिवार में जन्मे जगन्नाथ मॉरिशस की मिलिटेंट सोशलिस्ट मूवमेंट, यानी MSM पार्टी के सदस्य हैं. उनका राजनीतिक करियर 1987 में शुरू हुआ था और वह 1990 में MSM पार्टी से जुड़े. 2000 में वह पहली बार कृषि मंत्री और फिर 2005 में वित्त मंत्री बने थे. इसके अलावा वह विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं. 1992 में प्रविंद की शादी हुई थी और उनकी तीन बेटियां सोनिका, सोनाली और सारा हैं. इसी साल अगस्त में प्रविंद जगन्नाथ वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के तीन दिवसीय दौरे पर आए थे.
पृथ्वीराजसिंह रूपन
2020 में भारत के दौरे पर आए मॉरिशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराजसिंह रूपन ने वाराणसी के प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक किया था. मॉरिशस के राजनेता पृथ्वीराजसिंह रूपन 2019 से मॉरिशस के राष्ट्रपति हैं. उनका जन्म 24 मई 1959 को मॉरिशस के एक भारतीय आर्य समाजी हिंदू परिवार में हुआ था. पृथ्वीराजसिंह न केवल भारतीय मूल के हैं, बल्कि एक धार्मिक व्यक्ति हैं. हिंदू धर्म में उनकी आस्था बेहद मजबूत है. काशी विश्वनाथ मंदिर में शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से लेकर बिहार के गया में स्थित महोबाधि बौद्ध मंदिर की उनकी यात्रा उनके धार्मिक पक्ष को दिखाती है.
मोहम्मद इरफान अली
मोहम्मद इरफान अली गुयाना के वर्तमान में राष्ट्रपति हैं. वह गुयाना के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति हैं. गुयाना की 8 लाख की आबादी में से करीब आधे भारतीय मूल के लोग हैं. अली का जन्म 25 अप्रैल 1980 को गुयाना में एक भारतीय-गायनीज मुस्लिम परिवार में हुआ था. अली ने यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टइंडीज से अर्बन और रीजनल प्लानिंग में डॉक्टरेक्ट की डिग्री हासिल की है.2006 में अली की राजनीति में एंट्री गुयाना नेशनल असेंबली के सदस्य बनने से हुई थी.
जाहिर है भारतीय मूल के लोग शांति, समृद्धि, सहयोग और सह अस्तित्व की भावना से दुनिया भर में इतिहास रच रहे हैं.आजादी के बाद हमारे देश के अंदर की ही तस्वीर नहीं बदली है बल्कि भारत की जड़ों से जुड़ने वाले लोगों ने दुनिया भर में तस्वीरें बदली हैं. भारतीय मूल के कम से कम 200 नेता 15 देशों में महत्वपूर्ण सार्वजनिक पदों पर पहुंच चुके हैं. इनमें से कम से कम 60 लोग अलग-अलग देशों में कैबिनेट पदों पर काबिज हैं जो हर हिंदुस्तानी को गौरवान्वित होने का मौका देता है.