Yasin Malik Verdict: तिहाड़ में यासीन मलिक को नहीं दिया जाएगा कोई काम, सेल में रहेगा अकेला
तिहाड़ के अधिकारियों ने जेल नंबर 7 में मलिक के वार्ड के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है. सूत्रों ने कहा, "उसे अधिकतम सुरक्षा घेरे में रखा जाएगा."
नई दिल्ली, 26 मई: कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, जो जम्मू-कश्मीर को एक 'अलग' क्षेत्र बनाना चाहता था, अब दुनिया के बाकी हिस्सों से 'अलग' अपना शेष जीवन तिहाड़ की जेल नंबर-7 में बिताएगा. 56 वर्षीय मलिक को बुधवार को दिल्ली की एक विशेष एनआईए अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. NIA कोर्ट ने यासीन मलिक को सुनाई उम्रकैद की सजा, अलगाववादी नेता ने खुद कबूल किया था गुनाह
पिछली सुनवाई के दौरान मलिक ने अदालत से अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का बचाव करने की कोई इच्छा नहीं जताई थी. वह उच्च न्यायालयों में सजा को चुनौती भी नहीं दे सकता, क्योंकि उसने खुद गुनाह कबूूल कर लिया है, जिसका अर्थ है कि मलिक अपना शेष जीवन जेल में बिताएगा.
लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि मलिक को सिर्फ बाहरी दुनिया से ही अलग नहीं किया जा रहा है, बल्कि उसे लगभग 13,000 कैदियों से दूर जेल के अंदर भी अकेला रखा गया है. महानिदेशक (कारागार) संदीप गोयल ने आईएएनएस को बताया, "वह पहले से ही जेल नंबर 7 में है और फिलहाल वहीं रहेगा. वह अपने सेल में अकेला है."
राष्ट्रीय राजधानी स्थित तिहाड़ जेल का बैरक नंबर-7 हमेशा सुर्खियों में रहा है, क्योंकि इसमें कई हाई-प्रोफाइल कैदी रहे हैं, जिनमें पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, पूर्व केंद्रीय मंत्री ए. राजा, सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय, क्रिश्चियन मिशेल सहित कई अन्य शामिल हैं.
12 अक्टूबर को, तिहाड़ जेल के 32 अधिकारियों को यूनिटेक के पूर्व प्रमोटरों के साथ मिलीभगत करते हुए पाया गया था. आरोप है कि चंद्रा बंधुओं अजय चंद्रा और संजय चंद्रा तिहाड़ जेल के अंदर से जेल कर्मचारियों की मिलीभगत से कारोबार कर रहे थे. दिलचस्प बात यह है कि उक्त सभी 32 जेल अधिकारी तिहाड़ के जेल (बैरक) नंबर 7 में तैनात थे.
अदालत ने बुधवार को दोषी मलिक को दो मामलों में आजीवन कारावास और अन्य मामलों में भी अलग-अलग कठोर सजा सुनाई. कठोर कारावास का अर्थ अपराधी को इस तरह से कैद करना है, जो अपराधी को जेल में विशेष व्यवस्था के अधीन अपराध की प्रकृति के आधार पर जेल की अवधि की कठिनाई को बढ़ाता है.
हालांकि कोर्ट के आदेश के बावजूद मलिक को जेल के अंदर कोई काम नहीं दिया जाएगा. जेल के शीर्ष अधिकारी ने कहा, "उसे सुरक्षा कारणों से बिल्कुल भी काम नहीं सौंपा जाएगा." उन्होंने कहा कि काम सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए सौंपा गया है और निर्णय जेल नियमों के अनुसार लिया जाता है.
यासीन मलिक की जेल आचरण रिपोर्ट के अनुसार, जेल के अंदर उसका व्यवहार संतोषजनक रहा है. जेल के रिकॉर्ड बताते हैं कि उसके खिलाफ कोई जेल की सजा दर्ज नहीं की गई है. सजा के आदेश में कहा गया है, "सुधार के प्रति अपराधी के झुकाव के संबंध में, यह प्रस्तुत किया जाता है कि कैद के दौरान, सह-कैदियों के साथ-साथ जेल प्रशासन के प्रति अपराधी का व्यवहार सौहार्दपूर्ण और शांतिपूर्ण रहा है. ऐसा लगता है कि अपराधी सुधार की ओर झुका हुआ है."
इस बीच, सूत्रों ने कहा कि तिहाड़ के अधिकारियों ने जेल नंबर 7 में मलिक के वार्ड के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है. सूत्रों ने कहा, "उसे अधिकतम सुरक्षा घेरे में रखा जाएगा." उन्होंने यह भी बताया कि दोषी आतंकवादी हमेशा सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी में रहेगा.