देश में कोविड बूस्टर डोज की जरूरत नहीं, इससे केवल वैक्सीन कंपनियों को फायदा हो रहा: सपा नेता राम गोपाल यादव
Ram Gopal Yadav (Photo Credits : PTI)

नई दिल्ली, 3 फरवरी : समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता राम गोपाल यादव ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि देश में कोविड-19 के लिए बूस्टर डोज देने की जरूरत नहीं है और इस अभियान से सिर्फ वैक्सीन कंपनियों को ही फायदा हो रहा है. सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन कर रहे हैं, क्योंकि यह एक परंपरा है, लेकिन वह अनिच्छा से ऐसा कर रहे हैं, क्योंकि यह संबोधन देश की वास्तविकता को नहीं दर्शाता है.

यादव ने कहा कि जब सांसदों ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के डीजी से बूस्टर डोज के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि आईसीएमआर के एडिशनल डीजी जवाब देंगे और उन्होंने (आईसीएमआर के एडीजी) कहा कि देश में बूस्टर डोज उपलब्ध कराने की कोई जरूरत नहीं है. सपा नेता ने कहा, इस अभियान से केवल टीकाकरण कंपनियों को लाभ हो रहा है और इसकी आवश्यकता नहीं है. यह भी पढ़ें : Gujarat: गुजरात में कांग्रेस नेता और फिल्म अभिनेताओं ने भाजपा का दामन थामा

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर आगे बोलते हुए, यादव ने कहा कि राष्ट्रपति का भाषण वास्तविकता से बहुत दूर था. हालांकि, उन्होंने कहा कि वह इस बात से सहमत हैं कि महामारी के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स ने सराहनीय काम किया है और उन्होंने इन वर्कर्स की सराहना की. देश में रिकॉर्ड टीकाकरण के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की आबादी 126 करोड़ से अधिक है और इसलिए सरकार ने इतनी बड़ी संख्या में लोगों का टीकाकरण किया है. यादव ने चुटकी लेते हुए कहा, रिकॉर्ड तो इजरायल ने बनाया था, जिसने पिछले साल अपने सभी नागरिकों को टीका लगाया था. इसे रिकॉर्ड कहा जाता है.

आयुष्मान भारत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह योजना अच्छी है, लेकिन देश में डॉक्टरों की भारी कमी है. सरकार ने 80,000 से अधिक वेलनेस सेंटर स्थापित किए हैं, लेकिन इन केंद्रों में कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं है. इस दौरान डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने बहस में हिस्सा लेते हुए कहा कि सरकार देश के किसानों की अनदेखी कर रही है. उन्होंने कहा, देश एक कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था रहा है, लेकिन अब यह एक कॉर्पोरेट अर्थव्यवस्था बन रहा है. भाजपा सरकार को क्षेत्रीय तौर पर भेदभाव वाली पार्टी करार देते हुए शिवा ने कहा कि वह गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोप रही है. शिवा ने कहा, भाजपा सरकार न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन के मंत्र के साथ सत्ता में आई, लेकिन अब केवल अधिकतम सरकार है और शासन नहीं है. इसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई.