No- Confidence Motion Defeated: लोकसभा में गिरा विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव, मणिपुर पर पीएम मोदी ने कही ये बातें
PM Modi in Lok Sabha | ANI

नई दिल्ली: मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में गिर गया. पीएम मोदी के संबोधन के बाद लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई. अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से गिर गया. अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के भाषण के बीच ही विपक्षी सांसद वॉकआउट कर चुके थे. जिसके बाद ध्वनिमत के बाद विपक्ष का प्रस्ताव का गिर गया. पीएम मोदी के भाषण के बीच विपक्ष लगातार मणिपुर को लेकर नारेबाजी कर रहा था. विपक्षी सांसदों के वॉकआउट करने पर पीएम मोदी ने कहा कि इन लोगों का यही काम है. कचरा फेंको, झूठ बोलो और भाग जाओ. विपक्ष में सुनने का धैर्य नहीं है. PM मोदी की भविष्यवाणी- 2028 में विपक्ष फिर लेकर आएगा अविश्वास प्रस्ताव.

शांति का सूरज जरूर उगेगा

मणिपुर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा, 'दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के लिए राज्य और केंद्र दोनों सरकारें हर संभव कोशिश कर रही हैं. मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आने वाले समय में मणिपुर में शांति बहाल होगी. मैं मणिपुर की महिलाओं और बेटियों सहित मणिपुर के लोगों से कहना चाहता हूं कि देश आपके साथ है. मणिपुर में शांति का सूरज जरूर उगेगा,'

मणिपुर के दोषियों को मिलेगी सजा 

प्रधानमंत्री ने कहा,'मैं मणिपुर के लोगों से कहना चाहुंगा कि हम सब मिलकर इस चुनौती का समाधान निकालेंगे. मणिपुर विकास की राह पर आगे बढ़ेगा' पीएम मोदी ने कहा, 'मणिपुर में अदालत का फैसला आया अब उसके पक्ष-विपक्ष में जो परिस्थितियां बनीं उसमें हिंसा का दौर शुरू हुआ. महिलाओं के साथ गंभीर अपराध हुए और यह अपराध अक्षम है और दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार कोशिश कर रही है. जिस तरह से प्रयास चल रहे हैं, करीबी भविष्य में शांति का सूरज जरूर उगेगा.'

कांग्रेस पर वार 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'जब सब कुछ उग्रवादी संगठनों की इच्छा के अनुरूप होता था तब मणिपुर में किसकी सरकार थी? मणिपुर में किसकी सरकार थी जब सरकारी कार्यालयों में महात्मा गांधी की तस्वीर को अनुमति नहीं दी गई थी, मणिपुर में किसकी सरकार थी जब स्कूलों में राष्ट्रगान की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया गया था?... उनका (विपक्ष) दर्द चयनात्मक है. वे राजनीति से परे सोच ही नहीं पाते.