मुंबई: संभाजी भिड़े की खिलाफ हिंसा के मामलों को वापिस नहीं लिया गया है. बात की पुष्टि पुणे के SP द्वारा की गई है. हालांकि पहले खबर आई थी कि भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में जातीय भाषण देने वाले संभाजी भिड़े पर लगे सभी आरोप वापस ले लिए हैं. संभाजी भिड़े पर पुणे में भीमा-कोरेगांव में हिंसा फैलाने का आरोप था. बता दें कि भीड़े ने जातीय दंगे फैलाने वाले भाषण दिए थे जिसके बाद हिंसा फैलने पर उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. अब एक आरटीआई से यह बात सामने आई है कि यह FIR वापिस ले ली गई है.
खबरों के हवाले से पहले सामने आया था कि एक आरटीआई द्वारा यह जानकारी सामने आई है कि महाराष्ट्र सरकार ने संभाजी भीड़े पर लगे हिंसा के मामलों में दर्ज हुई FIR को वापस ले लिया है.
No charges against Sambhaji Bhide and others have been removed so far in Bhima Koregaon violence case. The investigation is still in progress: Pune SP Sandeep Patil to ANI
— ANI (@ANI) October 1, 2018
बता दें कि भीमा-कोरेगांव हिंसा से जुड़ी एक रिपोर्ट में सामने आया था कि हिंसा सुनियोजित थी. इस हिंसा के बारे में वहां की पुलिस को सब कुछ मालूम था. लेकिन पुलिस इस मामले में जानबुझकर लापरवाही बरतते हुए कुछ नहीं किया. जबकि लोगों ने इसके बारे में पुलिस को पहले ही सूचित कर दिया था कि पुणे के शनिवारवड़ा में किसी भी समय हिंसा भड़क सकती है.
इस रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया था कि हिंदूवादी नेताओं में मिलिंद एकबोटे और मनोहर भिड़े उर्फ संभाजी भिड़े ये दोनों लोग पिछले 15 साल से वहां पर ऐसा माहौल बनाने की तैयारी कर रहे थे.
कौन है संभाजी भिड़े:
संभाजी भिड़े महाराष्ट्र की राजनीति में एक चर्चित चेहरा है. वह 85 साल के है. पुणे और पश्चिम महाराष्ट्र में उनकी अच्छी पकड़ है. लाखों युवा उन्हें फॉलो करते हैं. उनकी महाराष्ट्र में शिव प्रतिष्ठान नाम की संस्था हैं. संभाजी भिडे पुणे के एक कॉलेज में फिजिक्स के प्रोफेसर रह चुके हैं. भिडे बेहद साधारण तरीके से जीवन जीते हैं. वह पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं. यह भी पढ़ें- संभाजी भिडे का विवादित बयान, कहा- मेरे बगीचे के आम खाने वाली महिलाओं ने बेटों को दिया जन्म