Lok Sabha Election 2024: नीतीश ने विपक्ष की एकता का किया आह्वान, जदयू ने देश में अघोषित आपातकाल का लगाया आरोप
पटना, तीन सितंबर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों से राष्ट्रीय स्तर एकजुट होने के लिए अपने मतभेदों को भुलाने का आह्वान करते हुए शनिवार को कहा कि वे साथ मिलकर वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 50 सीट पर समेट सकते हैं. जदयू के पदाधिकारियों की दो दिवसीय बैठक यहां हो रही है। जदयू ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर देश में ‘‘अघोषित आपातकाल’’ लगाने, विपक्षी आवाजों को चुप कराने के लिए जांच एजेंसियों का ‘‘दुरुपयोग’’ करने और समाज में ‘‘सांप्रदायिक उन्माद’’ भड़काने का आरोप लगाया. यह भी पढ़ें: दुमका में एक और वारदात, नाबालिग लड़की से रेप के बाद हत्या कर शव पेड़ पर लटकाया
जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए कुमार ने दावा किया कि उनका एकमात्र लक्ष्य भगवा पार्टी को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्ष को एकजुट करने के लिए काम करना है, कुमार ने पिछले महीने भाजपा से नाता तोड़ लिया था.
नीतीश की पार्टी जदयू के भीतर चर्चा है कि वह प्रधानमंत्री पद के चेहरे के रूप में उभर सकते हैं. कुमार ने अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले जदयू की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में कहा कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 50 सीट पर सिमट जाएगी बशर्ते सभी विपक्षी दल मिलकर चुनाव लड़ें.
पार्टी नेता और बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक के दौरान कुमार को विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए काम करने के लिए अधिकृत किया गया है. उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबला करने के लिए कुमार के नेतृत्व में विपक्ष का एकजुट होना समय की मांग है.
जदयू के एक प्रस्ताव में कहा गया है कि बिहार के विकास के पीछे कुमार के ‘‘दृष्टिकोण और मिशन’’ की भारत और उसके बाहर प्रशंसा की गई है, पार्टी सूत्रों ने बताया कि जदयू के शीर्ष नेता कुमार विपक्षी नेताओं से मिलने के लिए पांच सितंबर को दिल्ली जाएंगे। जदयू ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर ‘‘सत्तावादी’’ प्रवृत्ति रखने और मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के अलावा दिल्ली और झारखंड सहित कई राज्यों में गैर-भाजपा सरकारों को अस्थिर करने का भी आरोप लगाया.
भाजपा पर जदयू की ओर से यह प्रहार तब किया गया जब भागवा पार्टी में मणिपुर में उसके छह में से पांच विधायक शामिल हो गए हैं. जदयू की बैठक में दो प्रस्ताव पारित किए गए जिसमें केंद्र सरकार पर असहमति के लोकतांत्रिक अधिकार को ‘‘देशद्रोह’’ के रूप में लेबल करने का आरोप लगाया गया.
प्रस्ताव में कहा गया है कि देश भाजपा के विकल्प की तलाश कर रहा है और सभी विपक्षी दलों से अपने मतभेदों को भुलाकर एकजुट होने को कहा। राष्ट्रहित में विपक्ष की एकता समय की मांग है. जदयू ने भाजपा पर देश में ‘‘सांप्रदायिक उन्माद’’ फैलाने का भी आरोप लगाते हुए कहा है कि अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। कुमार ने जहां ‘‘गठबंधन धर्म’’ का पालन नहीं करने के लिए भाजपा पर निशाना साधा तो उनकी पार्टी ने कहा कि भगवा पार्टी के पास अब कोई ‘‘महत्वपूर्ण’’ सहयोगी नहीं बचा है.
जदयू ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि देश संकट के दौर से गुजर रहा है। केंद्र ने लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है और सत्तावाद की ओर बढ़ रहा है, जदयू ने मूल्य वृद्धि और ‘‘बढ़ती’’ गरीबी और बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि नोटबंदी के बाद से अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है, लेकिन लोगों को ‘‘विश्व गुरु’’ का सपना दिखाया जा रहा है.
जदयू ने सशस्त्र बलों में अल्पकालिक रोजगार के लिए लायी गयी ‘‘अग्निवीर’’ योजना के लिए केंद्र पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि आजीविका के मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए नए नारे गढ़े जा रहे हैं, जदयू ने भाजपा के साथ संबंध तोड़ने के अपने कारणों को गिनाया जिसमें वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में इसके खिलाफ ‘‘साजिश’’, बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा नहीं दिया जाना, केंद्र सरकार में पार्टी को उचित प्रतिनिधित्व से वंचित किया जाना और कुछ राज्यों में अपने विधायकों को तोड़ना शामिल है.
जदयू ने केंद्र पर जाति आधारित जनगणना के लिए राज्य की मांग से सहमत नहीं होने का भी हवाला दिया। जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, ‘‘पार्टी के सभी नेताओं ने भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के साथ संबंध तोड़ने के नीतीश कुमार के फैसले का स्वागत किया. यह भी सर्वसम्मति से तय किया गया कि पार्टी भाजपा को सांप्रदायिक सद्भाव और संविधान की गरिमा को नष्ट करने की अनुमति नहीं देगी.’’
जदयू के महासचिव अफाक अहमद खान ने भाजपा पर ‘‘घृणा’’ फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि कुमार भाजपा सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ लड़ने के लिए विविध पृष्ठभूमि के लोगों को एक साथ लाने के लिए काम कर सकते हैं, जदयू राष्ट्रीय परिषद की रविवार को बैठक होगी
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