Nirbhaya Gangrape Case: राष्ट्रपति ने खारिज की दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका, कब होगी फांसी?
निर्भया गैंगरेप मामले में शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोषी मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी है.
नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप केस (Nirbhaya Gangrape Case) में शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका खारिज कर दी है. इससे पहले दिल्ली सरकार ने दया याचिका खारिज कर केंद्रीय गृह मंत्रालय तक पहुंचा दी थी. गृह मंत्रालय ने याचिका द्वारा बीती रात याचिका राष्ट्रपति भवन तक पहुंचा दी गई थी. जिसके बाद आज राष्ट्रपति ने भी इस दया याचिका को खारिज कर दिया. इसके बाद दोषी मुकेश सिंह के बचने की यह उम्मीद भी खत्म हो गई. पूरे देश को निर्भया के दोषियों की फांसी का इंतजार है. शुक्रवार सुबह निर्भया की मां आशा देवी ने रोते हुए कहा, लगता है कि हमें सजा दी जा रही है. दोषियों की फांसी में देरी से निर्भया की मां दुखी हैं.
बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट चारो दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर चुका है. लेकिन फांसी की डेट फाइनल होने के बाद भी निर्भया के दोषियों की फांसी पर सस्पेंस बना हुआ है. साल 2012 के निर्भया गैंगरेप केस में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 7 जनवरी को चारों दोषियों का डेथ वॉरंट जारी कर दिया था. जिसके बाद चारों दोषियों अक्षय, मुकेश, विनय और पवन को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी का फैसला सुनाया गया था.
राष्ट्रपति ने खारिज की दोषी मुकेश सिंह की याचिका-
निर्भया की बोलीं- बेटी की मौत पर राजनीति ठीक नहीं
निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, इतने साल तक मैं राजनीति पर कभी नहीं बोली लेकिन आज कहती हूं कि जिस तरह मेरी बच्ची की मौत पर राजनीति हो रही है वह ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि अब मैं जरूर कहना चाहूंगी कि जब 2012 में घटना हुई तब इन्हीं लोगों ने हाथ में तिरंगा लिया और काली पट्टी बांधी, खूब रैलियां कीं, खूब नारे लगाए. लेकिन आज यही लोग उस बच्ची की मौत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.
आशा देवी ने आगे कहा, तो अब मैं जरूर कहना चाहूंगी कि ये अपने फायदे के लिए दोषियों की फांसी को रोके हैं. हमें इस बीच में मोहरा बनाया, इन दोनों के बीच में मैं फंसी हूं. तो मैं कहना चाहती हूं खासकर प्रधानमंत्री जी से कि आपने 2014 में आपने बोला था, 'बहुत हुआ नारी पर वार, अबकी बार मोदी सरकार'.
पीएम से गुजारिश
आशा देवी ने कहा, मैं साहब आपसे हाथ जोड़कर कहना चाहती हूं कि जिस तरह से आप दोबारा सरकार में आए हैं, जिस तरह से आपने हजारों काम किया. इस कानून का संशोधन कीजिए क्योंकि कानून बनाने से नहीं होगा. मैं आपसे हाथ जोड़कर कहना चाहती हूं कि एक बच्ची की मौत के साथ मजाक मत होने दीजिए, उन दोषियों को 22 जनवरी को फांसी पर लटकाइए और देश को दिखाइए कि हम देश के रखवाले हैं, महिला की सुरक्षा करने वाले हैं.
साल 2012 का मामला
निर्भया गैंगरेप केस 16 दिसंबर 2012 का है. इस घटना को सात साल पूरे हो चुके हैं. सात साल पहले 16 दिसंबर की रात दिल्ली में चलती बस में एक लड़की का बर्बरता से रेप किया गया. गैंगरेप के बाद निर्भया 13 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही. जिंदगी से जंग करते-करते 29 दिसंबर को उसने दम तोड़ दिया था. 31 अगस्त 2013 को निर्भया के केस में आरोपी कोर्ट में दोषी साबित हुए थे.