निर्भया केस: पीड़िता की मां आशा देवी ने कहा- मौजूदा कानून व्यवस्था दोषियों को सर्पोट कर रही है
निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में कोर्ट ने चारो आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है. चारो आरोपियों के फांसी का दिन 22 जनवरी निर्धारित किया गया है, लेकिन खबरों के अनुसार इसमें देरी होने की संभावना जताई जा रही है.
नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप और हत्या (Nirbhaya Gang rape And Murder) मामले में कोर्ट ने चारो आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है. चारो आरोपियों के फांसी का दिन 22 जनवरी निर्धारित किया गया है, लेकिन खबरों के अनुसार इसमें देरी होने की संभावना जताई जा रही है. इन्ही खबरों के बीच बुधवार यानि आज निर्भया की मां आशा देवी (Asha Devi) ने आरोपियों के फांसी पर सवाल पूछते हुए कहा कि, '22 जनवरी को उनको फांसी होगी की नहीं ये मुझे नहीं पता क्योंकि जो कानून व्यवस्था है वो दोषियों को सर्पोट करती है, पूरा सिस्टम और सरकार मुजरिमों को सर्पोट करता है. अब तो सरकार ही बताएगी कि 22 जनवरी को आरोपियों को फांसी होगी की नहीं?'
निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दिल्ली सरकार ने बुधवार को उच्च न्यायालय को बताया कि 2012 में हुए निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड के दोषियों में से एक ने दया याचिका दायर की है, इसलिए मौत की सजा प्राप्त दोषियों को फांसी की सजा 22 जनवरी को नहीं होगी. चारों दोषियों विनय शर्मा (26), मुकेश सिंह (32), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को 22 जनवरी को तिहाड़ जेल में सुबह सात बजे फांसी देना है. दिल्ली की एक अदालत ने उनकी मौत की सजा के फैसले पर अमल के लिए सात जनवरी को वारंट जारी किया था.
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले के दोषियों विनय कुमार और मुकेश द्वारा दायर की गई उपचारात्मक (क्यूरेटिव) याचिकाओं को खारिज कर दिया था. इन दोषियों ने ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई मौत की सजा पर सवाल उठाते हुए याचिकाएं दायर की थी. ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई मौत की सजा को बाद में हाईकोर्ट और शीर्ष अदालत ने भी बरकरार रखा था.
बहरहाल, आज तिहार जेल की ओर से जिरह कर रहे वकील राहुल वर्मा ने कहा कि दया याचिका खारिज होने के बाद 14 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए.