निर्भया केस: टल सकती हैं गुनहगारों की फांसी? दया याचिका पर फैसले के बाद मिल सकता है 14 दिन का समय
निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले को लेकर बड़ी खबर आ रही है. मीडिया रिपोर्ट्स से मिल रही जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार के वकील ने डेथ वारंट पर सुनवाई के दौरान कहा कि 22 जनवरी को फांसी नहीं हो सकती, राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज होने के बाद भी 14 दिन का वक्त दिया जाना जरूरी.
नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप और हत्या (Nirbhaya Gang rape And Murder) मामले को लेकर बड़ी खबर आ रही है. दिल्ली सरकार ने बुधवार को उच्च न्यायालय को बताया, चूंकि 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड के दोषियों में से एक ने दया याचिका दायर की है, इसलिए मौत की सजा प्राप्त दोषियों की फांसी 22 जनवरी को नहीं होगी. चारों दोषियों विनय शर्मा (26), मुकेश सिंह (32), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को 22 जनवरी को तिहाड़ जेल में सुबह सात बजे फांसी देना है. दिल्ली की एक अदालत ने उनकी मौत की सजा के फैसले पर अमल के लिए सात जनवरी को वारंट जारी किया था.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले के दोषियों विनय कुमार और मुकेश द्वारा दायर की गई उपचारात्मक (क्यूरेटिव) याचिकाओं को खारिज कर दिया था. इन दोषियों ने ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई मौत की सजा पर सवाल उठाते हुए याचिकाएं दायर की थी। ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई मौत की सजा को बाद में हाईकोर्ट और शीर्ष अदालत ने भी बरकरार रखा था.
बहरहाल, आज तिहार जेल की और से जिराह कर रहे वकील राहुल वर्मा ने कहा कि दया याचिका खारिज होने के बाद 14 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए.
देखें ट्वीट-
बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 को एक 23 वर्षीय महिला के साथ बेहरमी से सामूहिक दुष्कर्म किया गया और दोषियों की ओर से पीड़िता को काफी अत्याचार भी झेलना पड़ा, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. इसके बाद अपराध में शामिल सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर दुष्कर्म व हत्या का मामला दर्ज किया गया.