किसानों के काम की खबर: जानें रबी फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ने से कितना होगा फायदा
मोदी सरकार ने दशहरा से पहले किसानों को बड़ी सौगात देते हुए रबी की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा दिया है. पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 2018-19 के लिए गेहूं, चना, सरसों, मसूर, कुसुम और जौ के एमएसपी में बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई. वहीँ सरकार के इस फैसले से किसानों की आमदनी में खासा बढ़ोतरी होगी.
नई दिल्ली: मोदी सरकार ने दशहरा से पहले किसानों को बड़ी सौगात देते हुए रबी की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा दिया है. पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 2018-19 के लिए गेहूं, चना, सरसों, मसूर, कुसुम और जौ के एमएसपी में बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई. वहीँ सरकार के इस फैसले से किसानों की आमदनी में खासा बढ़ोतरी होगी.
कृषि मंत्रालय के मुताबिक इस किसान अनुकूल पहल से किसानों को 62,635 करोड़ रुपये का अतिरिक्त रिटर्न मिलेगा. इस पहल के तहत अधिसूचित फसलों की एमएसपी बढ़ाते हुए उत्पादन लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत रिटर्न सुनिश्चित किया गया है और इससे किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी.
गेहूं की एमएसपी में प्रति क्विंटल 105 रुपये, कुसुम की एमएसपी में प्रति क्विंटल 845 रुपये, जौ की एमएसपी में प्रति क्विंटल 30 रुपये, मसूर की एमएसपी में प्रति क्विंटल 225 रुपये, चने की एमएसपी में प्रति क्विंटल 220 रुपये तथा रेपसीड एवं सरसों की एमएसपी में प्रति क्विंटल 200 रुपये की वृद्धि की गई है जो इस दिशा में एक और प्रमुख कदम है.
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बैठक के बाद जानकारी देते हुए कहा कि किसानों को 62 हजार 635 करोड़ रुपये का फायदा होगा. उन्होंने कहा कि एमएसपी में वृद्धि, किसानों की आमदनी बढ़ाने के हमारा संकल्प को दिखाता है.
गौरतलब है कि मंगलवार को दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर किसानों के उग्र प्रदर्शन के बाद सरकार पर एक्शन लेने का दबाव बढ़ गया था. हालांकि किसान क्रांति पदयात्रा के तहत हरिद्वार से दिल्ली के लिये कूच करने वाले प्रदर्शनकारी किसानों ने बुधवार तड़के अपना मार्च समाप्त कर दिया. किसान क्रांति पदयात्रा 23 सितंबर को हरिद्वार में टिकैत घाट से शुरू हुई थी. इसमें उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से किसान शामिल हुए थे.