गुजरात दंगा: नानावटी-मेहता कमिशन ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली तत्कालीन राज्य सरकार को दी क्लीन चिट

गोधरा में ट्रेन जलाने की घटना के जांच को लेकर गठित नानावटी-मेहता कमिशन के रिपोर्ट के दूसरे भाग को आज गुजरात विधानसभा में पेश किया गया. नानावटी-मेहता कमिशन के रिपोर्ट में कहा गया है कि गोधरा में ट्रेन जलाने की घटना के बाद हुए दंगों को सुनियोजित नहीं थे.

पीएम नरेंद्र मोदी (Photo Credits-PTI)

गोधरा (Godhra) में ट्रेन जलाने की घटना के जांच को लेकर गठित नानावटी-मेहता कमिशन के रिपोर्ट (Nanavati-Mehta Commission Report) के दूसरे भाग को आज गुजरात विधानसभा (Gujarat Assembly) में पेश किया गया. नानावटी-मेहता कमिशन के रिपोर्ट में कहा गया है कि गोधरा में ट्रेन (Train) जलाने की घटना के बाद हुए दंगों (Riots) को सुनियोजित नहीं थे. नानावटी-मेहता कमिशन ने गुजरात दंगे मामले में उस समय की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार को क्लीन चिट दे दी है.

नानावटी-मेहता कमिशन ने दो हिस्सों वाली अपनी अंतिम रिपोर्ट 18 नवंबर 2014 को तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को सौंपी थी. यह तबसे रुकी हुई थी. दरअसल, गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 फरवरी 2002 को एक दिन पहले गोधरा में ट्रेन जलाए जाने के कारणों की जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग के गठन की घोषणा की थी.

गौरतलब है कि ट्रेन जलाए जाने की घटना के बाद गुजरात में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी. सरकार ने बाद में आयोग को पुनर्गठित कर दो सदस्यीय बना दिया था. यह भी पढ़ें- गुजरात दंगा: बाबू बजरंगी को नरोदा पाटिया मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत.

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी टी नानावटी उसके अध्यक्ष बनाए गए और हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति के जी शाह को इसका सदस्य बनाया गया. शाह के निधन के बाद हाई कोर्ट के एक और पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए के मेहता ने आयोग में उनकी जगह ली थी.

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