मूर्ति मामला: बसपा अध्यक्ष मायावती ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- जनता की इच्छा थी कि मेरी मूर्तियां लगें
मायावती (Photo Credits: PTI)

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh की पूर्व सीएम और बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती (Mayawati) ने मूर्तियों पर हुए खर्च को लेकर सुप्रीम कोर्ट (SP) में मंगलवार को जवाब दाखिल किया है. मायावती ने अपने हलफनामे में कहा है कि हाथियों के अलावा उनके स्टैचू को लगाने से पहले प्रक्रिया का पालन किया गया था और लोगों की इच्छा थी कि उनकी मूर्तियां लगनी चाहिए. इसलिए मूर्तियां लगाई गई.

मायावती ने मूर्तियों पर खर्च की गई सरकारी रकम को न्यायोचित ठहराते हुए हलफनामे में कहा है कि विधानसभा में चर्चा के बाद मूर्तियां लगाई गईं और इसके लिए बाकायदा सदन से बजट भी पास कराया गया था. इसके बात मूर्तियों को लगाई गई क्योंकि मूर्तियां लगाना लोगों की जनभावना थी. इसके साथ यह बीएसपी के संस्थापक कांशीराम की भी इच्छा थी. मायावती ने अपने जवाब में यह भी कहा है कि दलित आंदोलन में उनके योगदान के चलते मूर्तियां लगवाई गईं. इसलिए पैसे लौटाने का सवाल ही नहीं उठता है. यह भी पढ़े: उत्तर प्रदेश: मायावती को सुप्रीमकोर्ट का बड़ा झटका, BSP चिन्ह ‘हाथी’ और अपनी मूर्तियां बनवाने पर खर्च किए हुए पैसे का देना होगा हिसाब

बता दें उत्तर प्रदेश में कांशी राम और मायावती के स्टैचू लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में रविकांत नाम के युवक ने 2009 में एक याचिका दायर किया था. रविकांत ने अपने याचिका में सरकारी धन के दुरुपयोग करने को लेकर मायावती पर आरोप लगाया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि मायावती को मूर्तियों पर हुए खर्च को अपने पास से सरकारी खजाने में अदा करना चाहिए. जिसके जवाब में मंगलवार को उन्होंने कोर्ट में हलफनामा दायर किया.