लखनऊ: पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की सोमवार को बागपत की जेल में हत्या कर दी गई थी. हत्या करने वाले आरोपी सुनील राठी ने खुलासा किया कि जेल में सुबह टहलने के दौरान उसकी मुलाकात मुन्ना बजरंगी से हुई. उस दौरान बजरंगी उसे मोटा कह कर चिड़ाने लगा. उसकी बात राठी को बहुत बुरी लगी और उसने भी बजरंगी को अपने आपको देखने को कहा. जिसपर मुन्ना बजरंगी आग बबूला हो गया और उसने राठी पर पिस्तौल तान दी. राठी ने आगे बताया,"मैंने अपने बचाव में उसे पैर से धक्का मारा , वह जमीन पर गिर गया. जिसके बाद मैंने उसके ही पिस्टल से गोली मार दी."
राठी का कहना है कि उसने अपने बचाव में उसे मारा .यदि वह उसे नही मारता तो मुन्ना बजरंगी उसकी हत्या कर देता. हालाकि सुनील राठी का यह बयान आला अधिकारीयों को हजम नहीं हो रहा है. जेल प्रशासन राठी के खिलाफ एफआईआर का मामला दर्ज कर अपने स्तर पर जांच पड़ताल में जूट गया है. इस बात की जांच हो रही है कि जेल में पिस्तौल कैसे और कहा से आया. हालांकि सुनील राठी के बारे में बताया जा रहा है कि उसने मुन्ना बजरंगी को टहलने के दौरान बिना किसी बहस के ही गोलियों से भुन दिया .
कौन है सुनील राठी?
अपराधिक मामलों में उत्तर प्रदेश के बागपत जेल में बंद सुनील राठी बागपत जिले के टीकरी गांव का रहने वाला है .उसके पिता नरेश राठी की हत्या करीब 11 साल पहले आपसी रंजिश के चलते कर दी गई थी. पिता के हत्या के बाद उसने ठान लिया था कि वह हत्यारों से बदला जरूर लेगा. जिसके बाद से उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा.
फिर क्या था उसने अपना एक गिरोह बनाकर लोगों को धमकाना ,मारना शुरू कर दिया. जिन अपराधों के चलते उसे जेल जाना पड़ा. राठी की मां राजबाला देवी टीकरी से नगर पंचायत अध्यक्ष रह चुकी है. वह बहुजन समाजवादी पार्टी से विधानसभा चुनाव लड़ चुकी है .लेकिन जीत हासिल नही कर सकी थी. राजबाल भी इस समय जेल में है .उनके ऊपर बेटे सुनील राठी के जुर्म छुपाने और दुसरे कई इल्जाम है.