मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में कोविड-19 (COVID-19) की स्थिति ठीक होने के बाद स्कूलों को फिर से खोलने की तैयारी शुरू हो चुकी है. सोमवार से 8वीं से 12वीं कक्षा के लिए पढ़ाई शुरू होगी, इसके मद्देनज़र स्कूलों को सैनिटाइज किया जा रहा है. मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने बताया कि किसी भी छात्र को जबर्दस्ती नहीं रहेगी कि हर दिन स्कूल आना ही है. एक कक्षा में 20-25 छात्र ही बैठाएंगे. जबकि छात्रों को हम अल्टरनेट दिनों पर बुलाएंगे. अभी 100 फीसदी उपस्थिति नहीं रखी जाएगी. साथ ही बच्चे ऑनलाइन भी स्कूल से जुड़ सकते है. दिवाली से पहले गोवा के स्कूलों में नौंवी से 12वीं की कक्षाएं फिर से हो सकती हैं शुरू
स्कूली छात्र बिना अपने माता-पिता के सहमति पत्र के कक्षाओं में शामिल नहीं हो सकेंगे. इसके साथ ही फेस मास्क और हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करना होगा. वहीं मेयर किशोरी पेडनेकर आज स्कूली छात्रों के अभिभावकों के साथ ज़ूम के जरिये बैठक करने वालीं हैं. बृह्नमुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने स्पष्ट कहा है कि अन्य छोटी कक्षाओं को शुरू करने को लेकर निर्णय नवंबर में लिया जाएगा.
महाराष्ट्र: राज्य में 4 अक्टूबर से स्कूल खुलेंगे इसके मद्देनज़र स्कूलों को सैनिटाइज किया जा रहा है।
मुंबई के डॉन बॉस्को इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया, "छात्र स्कूल आने के लिए उत्साहित हैं और उनके माता-पिता को भरोसा है कि हम उनका ध्यान रखेंगे।" pic.twitter.com/jF0uxdi2L7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 1, 2021
बीते महीने ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार ने 4 अक्टूबर से राज्य के अधिकांश स्कूलों और 7 अक्टूबर से सभी पूजा स्थलों को प्रतिबंधों और प्रोटोकॉल के साथ फिर से खोलने की अनुमति दे दी है.
अभिभावकों के साथ बैठक है कि उनका क्या कहना है। उनसे कोई सुझाव मिला तो लेंगे। इसलिए स्कूल खुलने से पहले हमने ज़ूम बैठक आयोजित किया है:4 अक्टूबर से 8वीं से 12वीं कक्षा के स्कूल फिर से खोलने से पहले स्कूली छात्रों के अभिभावकों के साथ आज होने वाली बैठक पर मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर pic.twitter.com/wBhOUfQ6bo
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भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के विशेषज्ञों के अनुसार, कोविड-19 से बचाव के कई स्तर वाले उपायों को अपनाते हुए स्कूलों में प्राथमिक कक्षाओं से शुरू करते हुए उन्हें चरणबद्ध तरीके से पुनः खोला जाना चाहिए. ‘द इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ में प्रकाशित एक विचार आलेख में विशेषज्ञों ने यूनेस्को की एक रिपोर्ट का हवाला दिया है जिसमें कहा गया है कि भारत में 500 दिन से ज्यादा समय से स्कूल बंद रहने से 32 करोड़ से अधिक छात्र प्रभावित हुए हैं.
स्कूलों को खोलने के मुद्दे पर भारत और विदेश से प्राप्त वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर विशेषज्ञों ने कहा है कि स्कूलों में संक्रमण की जांच करने से वायरस को फैलने से रोका जा सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार स्कूली अध्यापक, कर्मचारी और बच्चों को लाने-ले जाने में शामिल लोगों का वैक्सीनेशन होना चाहिए और इसके बाद भी उन्हें मास्क का उपयोग करना चाहिए.