Mumbai: MMRCL ने कहा- मुकदमों के चलते Metro कार शेड परियोजना में हुई देरी, जनता का पैसा हो रहा बर्बाद
Mumbai Metro (Photo Credits PTI)

मुंबई, 16 फरवरी: मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) ने बृहस्पतिवार को बम्बई उच्च न्यायालय को बताया कि आरे कॉलोनी में कार शेड (Aarey car shed) का निर्माण विलंबित हो रहा है और मुकदमों के कारण जनता के पैसे का नुकसान हो रहा है.

एमएमआरसीएल (Mumbai Metro Rail Corporation Limited) ने उक्त स्थल पर पहले के प्रस्ताव की तुलना में अधिक पेड़ काटने की अपनी योजना का बचाव करते हुए यह बात कही. एक नोडल एजेंसी एमएमआरसीएल ने उच्च न्यायालय को बताया कि अदालती मामलों के कारण, वह 2019 में पेड़ों को नहीं काट सका और इसके कारण अब उपनगरीय गोरेगांव में परियोजना के लिए काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या में वृद्धि हो गई है. Mumbai Metro: PM मोदी ने मुंबईकरों को दी 38,000 करोड़ रुपये की सौगात, इन रूट्स पर मेट्रो को दिखाई हरी झंडी

2019 में, एमएमआरसीएल ने बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के वृक्ष प्राधिकरण से 84 पेड़ों को काटने की अनुमति मांगी थी. हालांकि, उच्च न्यायालय और बाद में उच्चतम न्यायालय में दायर याचिकाओं के कारण यथास्थिति का आदेश दिया गया.

उच्चतम न्यायालय द्वारा पेड़ों को काटने की हरी झंडी दिए जाने के बाद, एमएमआरसीएल ने 177 पेड़ों को काटने के लिए वृक्ष प्राधिकरण के समक्ष एक आवेदन दायर किया. एमएमआरसीएल के अनुसार, पिछले चार वर्षों में मेट्रो कार शेड स्थल पर पेड़ों की संख्या में वृद्धि हुई है.

सामाजिक कार्यकर्ता, ज़ोरू भथेना ने पिछले महीने 177 पेड़ों को काटने पर बीएमसी के वृक्ष प्राधिकरण द्वारा जारी नोटिस को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था. भथेना ने दावा किया कि नोटिस उच्चतम न्यायालय के नवंबर 2022 के उस आदेश का उल्लंघन है, जिसमें केवल 84 पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई थी.

एमएमआरसीएल के वकील आशुतोष कुंभकोनी ने अदालत को बताया, “याचिकाकर्ताओं के चलते यह मामला चार साल तक लंबित रहा. इन चार सालों में चार मानसून मौसम बीत चुके हैं. तो उस समय जो केवल पौधे थे और पेड़ों की परि के अंतर्गत नहीं आते थे, वे स्वाभाविक रूप से बढ़े और अब पेड़ बन गए हैं.’’

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