देश की पहली मेडिकल ट्रेन 'लाइफलाइन एक्सप्रेस' (LifeLine Express) गुरुवार को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) पहुंची. यहां मेडिकल ट्रेन की नई यात्राओं के लिए इसका उद्घाटन किया गया. लाइफलाइन एक्सप्रेस ने अब तक देश भर के दूरदराज के स्थानों में लगभग 12 लाख लोगों को चिकित्सा सुविधा प्रदान की है. पिछले 28 सालों से भारतीय रेलवे की यह एकमात्र मेडिकल ट्रेन देश के उन पिछड़े इलाकों में जा रही है जहां इलाज की सुविधा उपलब्ध नहीं है. लाइफ लाइन एक्सप्रेस को मुंबई के माटुंगा रेलवे के कारखाने में नई जरूरतों को ध्यान मे रखकर फिर से बनाया गया है. रेनोवेशन के बाद सात कोच वाली इस विशेष ट्रेन को प्रदर्शनी के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के प्लैटफॉर्म नंबर 10 पर लगाया गया.
साल 1991 में मध्य रेलवे द्वारा तैयार की गई लाइफलाइन एक्सप्रेस अब 7 डिब्बों की हो चुकी है, यह ट्रेन ट्रैक पर दौड़ता हुआ पूरा अस्पताल है. इस ट्रेन के दो कोच में अब कैंसर पीड़ितों की पूरी जांच की सुविधा होगी. हाल ही में इसमें ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने वाली मेमोग्राफी मशीन फिट की गई है. लाइफ लाइन ट्रेन उन इलाकों के लोगों के किए है. जहां चिकित्सकीय सेवाएं बेहद कम हैं. मध्य रेलवे के अतिरिक्त महाप्रबंधक डॉक्टर बद्री नारायण ने बताया कि यह विशेष ट्रेन आर्थिक रूप से कमजोर और सुविधाओं से वंचित लोगों के लिए मददगार है.
अब तक 12 लाख लोगों को मिल चुका है फायदा-
Mumbai: LifeLine Express, India's first hospital train, arrived at Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus yesterday & was inaugurated for its new set of trips. Lifeline Express has provided medical treatment to around 12 lakh patients in remote locations across the nation till now pic.twitter.com/pJdFhmrYMG
— ANI (@ANI) August 29, 2019
लाइफ लाइन एक्सप्रेस में ऐसे होता है इलाज
लाइफ लाइन एक्सप्रेस में इलाज के लिए सबसे पहले देशभर के एकदम पिछड़े इलाकों में मरीजों का प्रोफाइल तैयार किया जाता है. इसके बाद मरीजों की डिमांड के मुताबिक सालभर का कैलेंडर तैयार होता है. कैलेंडर तैयार होने के बाद रेलवे द्वारा लाइफलाइन एक्सप्रेस को कैंप वाले इलाके में पहुंचाया जाता है. फिर इसके बाद उस क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पतालों या डॉक्टरों को कैंप के लिए तैयार किया जाता है. मरीजों को डॉक्टरों द्वारा इलाज की तारीख दी जाती है.
देश मे बढ़ती हुई मरीजों की संख्या को देखते हुए ट्रेन में अतिरिक्त कोच लगाए गए हैं. साथ ही इसका आधुनिकरण किया गया है. रेलवे और गैर सरकारी संगठन के अधिकारियों के अनुसार आने वाले दिनों में मरीजो को बेहतर से बेहतर स्वाथ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए टाटा हॉस्पिटल के डॉक्टरों से भी सहायता ली जाने की योजना बनाई जा रही है. अब इस मेडिकल ट्रेन में सात कोच हैं. इस ट्रेन के सातों कोच आधुनिक मेडिकल सुविधायुक्त हैं, जिसमें पैथॉलजी से लेकर कैंसर सर्जरी तक की व्यवस्था है.