Mumbai Lift Accident Case: मुंबई लिफ्ट हादसे में 15 वर्षीय बच्चे की मौत का मामला, पंजाबी घसीटाराम हलवाई मिठाई ब्रांड के MD के खिलाफ केस दर्ज

मुंबई के माहिम इलाके में स्थित पंजाबी घसीटाराम हलवाई मिठाई ब्रांड के फैक्ट्री में लगे लिफ्ट में फसकर जान गवाने वाले 15 वर्षीय लड़के की मौत मामले में मुंबई पुलिस ने पंजाबी घसीटाराम ब्रांड के दो अधिकारियों और दो श्रमिक ठेकेदारों के खिलाफ केस दर्ज किया है.

(Photo : X)

 Mumbai Lift Accident Case: मुंबई के  माहिम इलाके में स्थित पंजाबी घसीटाराम हलवाई मिठाई ब्रांड के फैक्ट्री में लगे लिफ्ट में फसकर एक 15 वर्षीय बच्चा गंभीर रूप से जख्मी हो गया था.  इलाजे के दौरान बच्चे की मौत के मामले में मुंबई की शाहू नगर पुलिस ने पंजाबी घसीटाराम ब्रांड के दो अधिकारियों और दो श्रमिक ठेकेदारों के खिलाफ केस दर्ज किया है. मामले में पुलिस ने कहा है कि कंपनी ने इसे प्राकृतिक मौत बताकर मामले को दबाने की कोशिश की. लेकिन मामले में पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है.

पुलिस ने जांच में पाया कि यूनिट में अवैध तरीके से लिफ्ट लगी हुई थी, जिसका बटन बाहर था. लड़का 10 फरवरी की दोपहर को लिफ्ट में बैठा.  जो एक दिन पहले ही फैक्ट्री में काम करने के लिए आयातजा  मासूम जैसे ही बटन दबाया, लेकिन इससे पहले कि वह अपना सिर अंदर ले पाता, लिफ्ट लोहे के गेट में फंस गई और उसके सिर में  गंभीर चोट आ गई. उसके गले से खून निकलने लगा. जिसे देखकर फैक्ट्री के लोग परेशान होकर उसे सायन अस्पताल लेकर पहुंचे. यह भी पढ़े: Greater Noida Lift Accident: ग्रेटर नोएडा में निर्माणाधीन लिफ्ट हादसे में एक और मजदूर की मौत, मरने वालों की संख्या बढ़कर 9 हुई

सायन अस्पताल पहुंचने पर  उन्होंने बच्चे का नाम अंकित बताकर भर्ती किया. बच्चे का इलाज शुरू हुआ. लेकिन उसकी मौत हो गई. जांच में पता चल कि उसका नाम अंकित नहीं बल्कि कुणाल चौधरी था. जो मध्य प्रदेश के वल्लभ नगर का रहने वाला था. फैक्टी के लोगों ने गलत नाम बताकर उसे अस्पतला में भर्ती करवाया. फैक्ट्री के लोगों ने बच्चे के बारे में परिवार वालों को भी कुछ नहीं बताया. ना ही डॉक्टरों को सभी वजह बताया कि लिफ्ट की वजह से वह जख्मी हुआ. मुंबई की शाहू नगर पुलिस ने बताया कि उसे सायन अस्पताल से बच्चे के मौत के दो दिन बाद फोन आया. मामले में जांच शुरू की तो बच्चे की मौत लिफ्ट की वजह से गई है.

पुलिस मामले में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (II) (गैर इरादतन हत्या), धारा 34 (सामान्य इरादा) और धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा) और किशोर न्याय की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

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