मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की जिला अदालत ने शुक्रवार को चार लड़कियों को पांच साल तक की जेल की सज़ा सुनाते हुए उन्हें 2013 के एक मामले में रैगिंग और आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी ठहराया. इन चार लड़कियों ने भोपाल के एक प्राइवेट कॉलेज की जूनियर छात्रा की रैगिंग की, जिसकी वजह से उसने आत्महत्या कर ली. मरने से पहले पीड़िता ने एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने उन चार लड़कियों की पहचान की थी. नोट में उसने लिखा रैगिंग ने उसे आत्महत्या के लिए प्रेरित किया, लड़की ने अपने माता-पिता और भाई से अपील की थी कि उसके जाने के बाद वे उसे याद न करें.
कॉलेज में प्रवेश करने के बाद से चार लड़कियों के साथ छेड़खानी का आरोप लगाते हुए मृतक लड़की ने यह भी लिखा, "केवल मैं जानती हूं कि मैंने अब तक इन चारों की रैगिंग को कैसे झेला है"लड़की ने आगे दावा किया था कि उसने इस मामले को अधिकारियों को रिपोर्ट करने की कोशिश की, लेकिन बताया गया कि सीनियर्स कॉलेज में जूनियर्स को रैग करते हैं. उन्हें इसके साथ रहना सीखना होगा. यह भी पढ़ें: मध्यप्रदेश: रैंगिंग से परेशान MBBS छात्र ने रिश्तेदार के घर लगाई फांसी
सुसाइड नोट में चार आरोपियों का नाम लिखने के बाद लड़की ने अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इस मामले में चार लड़कियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था.
उम्मीद है कि भोपाल जिला अदालत का यह फैसला एक उदाहरण के रूप में काम करेगा और कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग के मामलों को खत्म करेगा.