नई दिल्ली: बंगाल की खाड़ी में उठे सुपर चक्रवात ‘अम्फान’ (Amphan) के चलते इस साल देश में मानसून का आगमन भी देरी से होने की उम्मीद है. मौसम विभाग (IMD) ने मंगलवार को बताया कि अम्फान के प्रभाव से मानसून को आगे बढ़ने में प्रतिकूल पर्यावरण नहीं मिलेगा. शक्तिशाली चक्रवात बुधवार को भारत के पूर्वी तट पर टकरा सकता है. इसके चलते पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भारी बारिश और तेज हवाओं के चले की संभावना है.
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र (Mrutyunjay Mohapatra) ने बताया कि उष्णकटिबंधीय चक्रवात के कारण केरल में मानसून के आगमन में थोड़ी देरी की उम्मीद की जा रही है. अब 5 जून तक केरल तट से मानसून के टकराने की संभावना है. रविवार दोपहर को दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने दक्षिण अंडमान सागर में प्रवेश कर लिया है. मानसून के 16 मई को अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह पहुंचने की संभावना : आईएमडी
सुपर चक्रवात ‘अम्फान’ को लेकर आईएमडी प्रमुख ने कहा कि यह सबसे तीव्र चक्रवात है. साल 1999 के बाद बंगाल की खाड़ी में यह दूसरा सुपर साइक्लोन उठा है. अभी समुद्र में इसकी हवा की गति 200-240 किमी प्रति घंटे की है. यह उत्तर पश्चिमोत्तर दिशा की ओर बढ़ रहा है. भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हुआ ‘अम्फान’ :मौसम विभाग
उधर, केंद्र सरकार भी अम्फान के खतरे को देखते हुए स्थिति पर नजर बनाए हुए है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हर स्थिति से निपटने के उपायों की समीक्षा की. प्रधानमंत्री ने कहा, मैं सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं और केंद्र सरकार से हर संभव सहायता का आश्वासन देता हूं. अब और अधिक सटीक की जा सकती है मानसून, चक्रवातों की भविष्यवाणी
उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग ने इस साल देश में मानसून सामान्य रहने की भविष्यवाणी की है. हालांकि कुछ दिन पहले ही आईएमडी ने दक्षिण-पश्चिम मानसून के चार दिन देरी से केरल में आने की बात कही थी. हालांकि मौसम पूर्वानुमान से जुड़ी निजी मौसम एजेंसियों का कहना है कि इस साल मानसून तय समय से पहले केरल पहुंचेगा. केरल में मानसून पहुंचने के साथ ही देश में जून से सितंबर तक के चार महीने लंबे बरसात के मौसम की शुरुआत हो जाती है. सामान्य तौर पर केरल में 1 जून को मानसून पहुंचता है.