Monsoon 2019: अगले हफ्ते तक पूरे महाराष्ट्र और मध्य भारत में पहुंच जाएगा मानसून, उत्तर भारत को करना पड़ेगा इंतजार
देश में मानसून ने सबसे पहले सात जून को दक्षिणी राज्य केरल में दस्तक दी. लेकिन पिछले हफ्ते अरब सागर में आए चक्रवात वायु के कारण मानसून ठीक से आगे नहीं बढ़ सका. मौसम विभाग की मानें तो आने वाले समय में मानसून फिर से रफ़्तार पकड़ने वाला है. दरअसल दक्षिण पश्चिम मानसून की हवाएँ मध्य भारत की ओर तेज़ी से बढ़ रही हैं.
नई दिल्ली: देश में मानसून (Monsoon) ने सबसे पहले सात जून को दक्षिणी राज्य केरल (Kerala) में दस्तक दी. लेकिन पिछले हफ्ते अरब सागर (Arabian Sea) में आए चक्रवात वायु (Cyclone Vayu) के कारण मानसून ठीक से आगे नहीं बढ़ सका. मौसम विभाग की मानें तो आने वाले समय में मानसून फिर से रफ़्तार पकड़ने वाला है. दरअसल दक्षिण पश्चिम मानसून की हवाएँ मध्य भारत की ओर तेज़ी से बढ़ रही हैं.
लंबे समय से इंतजार किया जा रहा मानसून 21 जून तक दक्षिणी कोंकण और गोवा तक पहुंच सकता है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की नवीनतम भविष्यवाणी के मुताबिक 24 या 25 जून तक पूरे महाराष्ट्र सहित मध्य भारत में मानसून के पहुंचने की संभावना है.
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि जल्द मानसून पूरे महाराष्ट्र में पहुंच सकता है. इसके अलावा वर्तमान में जल संकट से जूझ रहे मराठवाड़ा और विदर्भ में अच्छी बारिश की संभावना है.
आईएमडी ने मंगलवार को महाराष्ट्र के बारे में अगले पांच दिनों के लिए अपने पूर्वानुमान को संशोधित करते हुए रविवार तक पूरे राज्य में हल्की बारिश होने की भविष्यवाणी की है. एक बयान में विभाग ने कहा की कोंकण और गोवा में बुधवार को भारी बारिश हो सकती है. जबकि मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में स्थानीय जलवायु परिस्थितियों के कारण कहीं-कहीं बारिश होगी.
बयान में कहा गया है कि मराठवाड़ा में शनिवार तक छिटपुट बारिश होगी और रविवार को तेज बारिश होगी. एक अधिकारी ने कहा कि विदर्भ में मंगलवार और बुधवार को हल्की बारिश होगी और रविवार को तेज बारिश होगी.
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मानसून ने अपने सामान्य समय के लगभग एक हफ्ते बाद केरल में दस्तक दी. अब तक, मानसून को मध्य प्रदेश, राजस्थान, पूर्वी उत्तर प्रदेश और गुजरात के कुछ हिस्सों सहित मध्य भारत तक पहुँच जाना चाहिए था, लेकिन यह महाराष्ट्र तक भी नहीं पहुँच पाया है.
पश्चिमी तट में महाराष्ट्र से लेकर गुजरात तक चक्रवात वायु के कारण वर्षा हो रही है. केवल तटीय कर्नाटक और केरल में मानसून के कारण बारिश हुई है. देश में मानसून की सुस्त रफ्तार के कारण बारिश की कुल कमी 43 फीसदी तक पहुंच गई है. जबकि मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गोवा में 59 प्रतिशत बारिश की कमी दर्ज की गई है, जबकि पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 47 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है.