अयोध्या मंदिर ट्रस्ट: मोदी सरकार राम मंदिर निर्माण को लेकर जल्द उठा सकती है बड़ा कदम, शीतकालीन सत्र में पेश कर सकती है विधेयक

सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के साथ ही 134 वर्षीय पुराने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद का अंत हो गया. देश की शीर्ष कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद (Ayodhya Land Dispute) को लेकर दिए अपने फैसले में केंद्र सरकार को तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया है.

राम मंदिर (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के ऐतिहासिक फैसले के साथ ही 134 वर्षीय पुराने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद का अंत हो गया. देश की शीर्ष कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद (Ayodhya Land Dispute) को लेकर दिए अपने फैसले में केंद्र सरकार को तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया है. जो 2.77 एकड़ की भूमि पर एक भव्य मंदिर का निर्माण करेगा. इसको लेकर 18 नवंबर से शुरू होने वाले संसद सत्र में मोदी सरकार विधेयक पेश कर सकती है.

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के 9 नवंबर के फैसले के अनुरूप धर्मस्थल के संचालन की देखरेख करने वाले ट्रस्ट के कामकाज से जुड़ा एक विधेयक पेश करने पर विचार चल रहा है. आगामी 18 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में इस विधेयक को पेश किए जाने की संभावना है. इस मुद्दे पर शीर्ष स्तर पर चर्चा हो रही है. इस प्रस्तावित विधेयक में ट्रस्ट के कामकाज और जिम्मेदारियों को विस्तार से बताया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह से लेकर इन बड़े नेताओं ने अयोध्या फैसले पर कही ये बात

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार राम जन्मभूमि मामले में मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और कुछ अधिकारियों की टीम अदालत के फैसले का विस्तृत अध्ययन कर रही है. गृह व वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ट्रस्ट के गठन व उसके नियमों को तय करने का हिस्सा होंगे. यह ट्रस्ट ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की रूपरेखा तैयार करेगा.

शीर्ष अदालत ने शनिवार को दिए गए 1045 पन्नों के फैसले में कहा, ‘‘केंद्र सरकार इस फैसले की तारीख से तीन महीने की अवधि के भीतर ‘अयोध्या में कुछ क्षेत्रों के अधिग्रहण से संबंधित अधिनियम, 1993’ के तहत एक योजना बनाएगी.’’

उल्लेखनीय है कि फैसले में सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया कि विवादित 2.77 एकड़ जमीन मंदिर निर्माण के लिए रामलला को दी जाएगी. जबकि सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को अलग से अयोध्या में पांच एकड़ जमीन उपलब्ध कराए.

बताया जा रहा है, ट्रस्ट की देखरेख में अगले साल राम नवमी से राम मंदिर का निर्माण शुरू हो सकता है. हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने मंदिर और उसके पास प्रस्तावित राम प्रतिमा की तस्वीर जारी की है, जो निर्माण कार्य के पूरा होने के बाद दिखेगी. इस काम को पूरा करने में तीन साल का समय लगने की उम्मीद है.

विवरण से लग रहा है कि योजना भव्य मंदिर परिसर बनाने की है. मंदिर 240 फीट लंबे और 145 फीट चौड़े क्षेत्र में फैला होगा, यह 141 फीट ऊंचाई का होगा। इसकी 4 फीट की परिधि में 251 स्तंभ होंगे. मंदिर परिसर में एक प्रार्थना कक्ष, रामकथा कुंज, एक वैदिक पाठशाला, एक संत निवास और एक यात्री निवास होगा. भगवान राम की मूर्ति के आस-पास एक डिजिटल म्यूजियम, पवित्र शास्त्रों के वर्णन के लिए एक केंद्र, एक पुस्तकालय, एक कैफेटेरिया और पार्किंग स्थान जैसी अन्य सुविधाएं दी जा सकती है.

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