#MeToo: केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने यौन उत्पीड़न के आरोंपों को बताया बेबुनियाद, कहा- करूंगा कानूनी कार्रवाई
विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने अपने ऊपर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर आखिरकार चुप्पी तोड़ी है. एमजे ने कहा कि मैं इन आरोपों पर पहले इसलिए नहीं कुछ बोल पाया था क्योंकि मैं विदेश दौरे पर था.
नई दिल्ली: विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने अपने ऊपर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर आखिरकार चुप्पी तोड़ी है. एमजे ने कहा कि मैं इन आरोपों पर पहले इसलिए नहीं कुछ बोल पाया था क्योंकि मैं विदेश दौरे पर था. अपने विदेश दौरे से लौटते ही केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने खुद पर लगे यौन उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार के आरोपों पर चुप्पी तोड़ते हुए लीगल ऐक्शन लेने की बात कही है. अकबर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि मेरे खिलाफ लगे आरोप झूठे और मनगढंत हैं. नाइजीरिया दौरे पर गए केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर रविवार की सुबह दिल्ली लौटे हैं.
दिल्ली एयरपोर्ट से बाहर निकलने के दौरान अकबर से पत्रकारों ने उन पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर सवाल किया था तो उन्होंने कहा 'मैं अपना बयान बाद में दूंगा.' बता दें कि एमजे अकबर पर संपादक रहते हुए महिलाओं से यौन शोषण का आरोप है. उन्होंने अभी तक इन आरोपों पर कुछ भी नहीं बोला था.
आम चुनाव से पहले क्यों उठाया गया मुद्दा
विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि आखिर यह तूफान आम चुनाव के कुछ महीने पहले ही क्यों उठा? क्या ये कोई एजेंडा है? इन झूठे और आधारहीन आरोपों ने मेरी प्रतिष्ठा और सद्भावना को अपूर्णीय क्षति पहुंचाई है. मैं अपने ऊपर लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा. यह भी पढ़ें- #metoo में फंसे केन्द्रीय मंत्री, महिला पत्रकारों ने लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप
झूठ के पैर नहीं होते
अपने ऊपर लगे आरोपों पर एमजे जे कहा कि "ये सभी आरोप द्वेष भावना से लगाए गए हैं. ये झूठे, निराधार और क्रूर आरोप हैं, जिससे मेरी प्रतिष्ठा को अपूर्णीय क्षति हुई है.' उन्होंने कहा, 'झूठ के पैर नहीं होते, लेकिन वे जहर बुझे होते हैं.'
कानूनी लड़ाई लड़ेंगे एमजे
अकबर ने कहा, 'कुछ तबको में बिना किसी सबूत के आरोप लगाने की बीमारी हो गई है. अब मैं लौट आया हूं और आगे क्या कानूनी कार्रवाई की जाए, इसके लिए मेरे वकील इन निराधार आरोपों को देखेंगे.' यह भी पढ़ें- #MeToo: भारत लौटे एमजे अकबर, आरोपों पर कहा- बाद में दूंगा बयान
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'प्रिया रमानी ने इस कैंपेन (#meetoo) को साल भर पहले एक मैगजीन में आर्टिकल लिखकर शुरू किया. उन्होंने मेरा नाम तक नहीं लिया क्योंकि वह जानती हैं कि यह एक झूठी कहानी है. जब उनसे हाल में पूछा गया तो उन्होंने मेरा नाम क्यों नहीं लिया. उन्होंने एक ट्वीट के जवाब में लिखा- उनका नाम कभी नहीं लिया क्योंकि उन्होंने कुछ भी नहीं किया था.'
प्रिया रमानी ने लगाया था सबसे पहले आरोप
बता दें कि अकबर पर पहला आरोप प्रिया रमानी नामक वरिष्ठ पत्रकार ने लगाया था जिसमें उन्होंने एक होटल के कमरे में इंटरव्यू के दौरान की अपनी कहानी बयान की थी. रमानी के आरोपों के बाद अकबर के खिलाफ आरोपों की बाढ़ आ गई और एक के बाद एक कई अन्य महिला पत्रकारों ने उन पर संगीन आरोप लगाएं.
गौरतलब है कि एमजे के खिलाफ 10 से अधिक महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार के आरोप लगाए हैं. यह मामला तब का है जब एमजे अकबर शीर्ष मीडिया संस्थानों में कार्यरत थे.