Misuse of Crowdfunding: तृणमूल के साकेत गोखले की जमानत याचिका पर गुजरात पुलिस को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और विक्रम नाथ ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एम. सिंघवी ने गोखले का प्रतिनिधित्व करते हुए जल्द सुनवाई की मांग की, लेकिन अदालत ने याचिका खारिज कर दी.
नई दिल्ली, 13 मार्च: सुप्रीम कोर्ट ने क्राउडफंडिंग के जरिए एकत्रित धन के कथित दुरूपयोग से जुड़े एक मामले में तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले की याचिका पर सोमवार को गुजरात सरकार से जवाब मांगा. न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और विक्रम नाथ ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एम. सिंघवी ने गोखले का प्रतिनिधित्व करते हुए जल्द सुनवाई की मांग की, लेकिन अदालत ने याचिका खारिज कर दी. यह भी पढ़ें: Gujarat: मंत्री अमित शाह ने अहमदाबाद में 154 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया
इससे पहले, सिंघवी ने कहा कि धोखाधड़ी का कोई मामला नहीं बनता है, क्योंकि उनके मुवक्किल ने हमेशा कहा है कि उन्होंने क्राउडफंडिंग से पैसा इकट्ठा किया है. इस साल जनवरी में, गुजरात हाईकोर्ट ने गोखले को जमानत देने से इनकार कर दिया था. उन्हें अहमदाबाद पुलिस ने 28 दिसंबर, 2022 को एफआईआर दर्ज करने के बाद दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था, जिसमें आईपीसी की धारा 120बी, 420, 467, 471 के अपराध का खुलासा किया गया था.
एफआईआर के अनुसार, गोखले ने कथित तौर पर दावा किया कि वह एक आरटीआई कार्यकर्ता और अपने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक सामाजिक कार्यकर्ता है, उन्होंने सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए आरटीआई दाखिल करने के लिए एक करोड़ रुपये से अधिक जुटाए, लेकिन निजी उद्देश्यों के लिए धन का उपयोग किया गया.