शिमला, 28 फरवरी : हिमाचल प्रदेश में सियासी उठापटक का दौर जारी है. दरअसल, प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में 6 कांग्रेस विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग किए जाने के बाद विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) ने बुधवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. बता दें कि विक्रमादित्य हिमाचल प्रदेश के 6 बार मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह के बेटे हैं.
मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद विक्रमादित्य सिंह ने भावुक होते हुए कहा कि उनका परिवार हमेश ही पार्टी के प्रति वफादार रहा, लेकिन इसके बावजूद भी पार्टी ने उनके पिता की प्रतिबद्धता को नजरअंदाज किया. विक्रमादित्य ने कहा, "सरकार मॉल रोड पर मेरे पिता की एक प्रतिमा तक नहीं लगा सकी. मैं इससे बहुत दुखी हूं." यह भी पढ़ें : Koustav Bagchi Resigns From Congress: पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को बड़ा झटका, कौस्तव बागची ने पार्टी से दिया इस्तीफा
उन्होंने कहा, "हमें उस कारण की तलाश करनी होगी, जिसकी वजह से आज कांग्रेस की ऐसी दुर्गति हुई है. यह भी जानना होगा कि कैसे अपार बहुमत के बावजूद इस तरह की स्थिति उत्पन्न हो गई." वहीं, पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "इस सरकार का गठन सभी के प्रयासों के बाद हुआ था. विधानसभा में बीते दो-तीन दिनों के दौरान जो कुछ भी हुआ है, वो हम सभी के लिए चिंता का विषय है."
उन्होंने आगे कहा, "उन्हें मजबूर किया गया था कि वो सरकार की कार्यशैली पर कुछ बोलें, क्योंकि उनके लिए कोई पद महत्व नहीं रखता है, बल्कि उनके लिए राज्य के लोगों के साथ उनका रिश्ता मायने रखता है." उन्होंने कहा, "इन सभी मुद्दों को दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व के समक्ष बार-बार उठाया गया, लेकिन जानबूझकर इन सभी बातों को हरबार नजरअंदाज किया गया. "
उन्होंने कहा, "एक मंत्री होने के बावजूद भी मुझे अपमानित किया गया, जिस तरह का संदेश उनकी तरफ से मुझे भेजा गया, उससे मुझे नीचा दिखाने का प्रयास किया गया. जबकि मंत्रिपरिषद में सभी का उचित आदर और सम्मान होना चाहिए." उन्होंने कहा, "मैं पार्टी का एक अनुशासित सदस्य हूं, इसलिए मुझे पता है कि सीमा रेखा कहां पर खींचनी है. पिछले कुछ दिनों की घटनाओं ने प्रदेश के युवाओं और पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को ठेस पहुंचाई है.''