मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में खसरा (Measles) का प्रकोप जारी है. बुधवार को एक आठ महीने के बच्चे की इस कारण मौत हो गई. इससे खसरा से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है. बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने कहा कि मुंबई में बुधवार को खसरे के 13 नए मामले सामने आए और संक्रमण से एक मौत हुई. सरकारी बयान में कहा गया है कि 20 नवंबर को बच्चे के पूरे शरीर पर चकत्ते हो गए थे और मंगलवार शाम को उसे नगरपालिका अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन कुछ ही घंटों में उसकी मौत हो गई. Monkeypox: लक्षण दिखाई देने से पहले फैल सकता है मंकीपॉक्स, ब्रिटिश शोधकर्ताओं का दावा.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री डॉ तानाजी सावंत ने मंगलवार को राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, नगर निगम के अधिकारियों और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के विशेषज्ञों के साथ बैठक की. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वे खसरा प्रकोप की जांच में राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों की सहायता करेंगे और इसे नियंत्रित करने और इसे शामिल करने के तरीकों में मदद करेंगे.
कई अन्य राज्यों में भी बढ़ रहे मामले
खसरा के मामले लगातार बढ़ने से केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी करते हुए कुछ राज्यों को अलर्ट रहने की सलाह दी है. केंद्र सरकार ने कहा कि वह विशेष रूप से बिहार, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल और महाराष्ट्र के कुछ जिलों में बढ़ते मामलों से चिंतित है और राज्यों को तैयारियों और प्रतिक्रिया पर सलाह दी है. कई राज्यों में खसरे के मामलों में तेजी के बीच केंद्र ने बुधवार को सभी राज्यों से कहा कि वे संवेदनशील क्षेत्रों में 9 महीने से 5 साल उम्र के बीच के सभी बच्चों को खसरा और रूबेला नियंत्रण टीके (एमआरसीवी) की एक अतिरिक्त खुराक दें.
टीके की अतिरिक्त खुराक देने की तैयारी
संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य डॉ. पी. अशोक बाबू ने पत्र में कहा है, "हाल ही में बिहार, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल और महाराष्ट्र के कुछ जिलों से खसरे के मामलों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है. मामलों की संख्या में तेजी से वृद्धि और खसरे के कारण कुछ मृत्यु भी विशेष रूप से बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और महाराष्ट्र के कुछ अन्य जिलों में देखी गई है."
केंद्र ने कहा कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी जाती है कि वे एक अतिरिक्त खुराक देने पर विचार करें, क्योंकि 9 महीने से 5 साल के बच्चों में खसरे के मामलों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है. पत्र में कहा गया है कि यह खुराक 9-12 महीने में पहली खुराक और 16-24 महीने में दूसरी खुराक के प्राथमिक टीकाकरण कार्यक्रम के अतिरिक्त होगी. एमआरसीवी की एक खुराक 6 महीने और 9 महीने से कम उम्र के सभी बच्चों को उन क्षेत्रों में दी जानी है, जहां 9 महीने से कम आयु वर्ग के खसरे के मामले कुल खसरे के मामलों के 10 प्रतिशत से अधिक हैं.
क्या हैं खसरा और इसके लक्षण
मीजल्स या खसरा बचपन में होने वाली एक संक्रामक बीमारी है. इसमें बच्चों को बुखार, नाक बहना और चेहरे पर लाल चकत्ते निकल आते हैं. खसरे या मीजल्स को वैक्सीन के माध्यम से खत्म करने की बहुत कोशिश हो रही है लेकिन अब तक यह बच्चों में होता है. समय पर अगर खसरे का इलाज न किया जाए तो इससे मौत भी हो सकती है.
अगर किसी बच्चे में खसरा है तो संक्रमण के 8 दिनों बाद यह किसी दूसरे बच्चे को संक्रमित कर सकता है. इस समय तक पहले संक्रमित बच्चे में रेशेज नहीं दिखते हैं. इसके बावजूद इस बच्चे से अन्य बच्चे में खसरा को संक्रमण हो सकता है.
बचाव
समय आने पर खसरे का टीका अपने बच्चे को अवश्य लगवाएं. अगर किसी जगह पर खसरे का संक्रमण बढ़ गया है तो अपने बच्चे को आइसोलेट करें. अगर बच्चे में खसरे का लक्षण है तो डॉक्टर के पास अवश्य जाएं. खासकर तब जब आपके आस पास के बच्चों को यह बीमारी हो रही हो.