VIDEO: शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की स्मृति सिंह ने छोड़ा ससुराल, नाराज माता-पिता ने की NOK नियमों में बदलाव की मांग

मुंबई, 11 जुलाई: जुलाई 2023 में सियाचिन में आग लगने की घटना में शहीद हुए कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता ने NOK के लिए तय मानदंडों में बदलाव की मांग की है. NOK के जरिए ही शहीदों के परिजनों को पेंशन और अन्य लाभ मिलते हैं. सेना में NOK का मतलब निकटतम परिजन होता है.

कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता रवि प्रताप सिंह और माँ मंजू सिंह ने बताया कि उनकी बहू स्मृति सिंह ने बिना बताए उनके घर छोड़ दिया है. उन्होंने बताया कि उनके बेटे के निधन के बाद से अधिकांश पेंशन और अन्य लाभ स्मृति को मिल रहे हैं. TV9 से बात करते हुए उन्होंने कहा कि NOK के मानदंड सही नहीं हैं और सरकार को इन पर फिर से विचार करना चाहिए.

शहीद के पिता ने कहा.- "जब NOK सिस्टम बना था, तो बहुओं के प्रति नफरत होती थी. आज का परिदृश्य पूरी तरह बदल गया है. पांच महीने की शादी के बाद एक व्यक्ति सब कुछ पा रहा है. लेकिन एक मां जो नौ महीने तक अपने बच्चे को गर्भ में रखती है. एक पिता जो हर समय अपने बच्चे का ख्याल रखता है और उसे बड़ा होता देखता है, वह सामाजिक सुरक्षा की उम्मीद करता है."

रवि प्रताप ने TV9 के रिपोर्टर से कहा. "अंशुमान के भाई, बहन और पत्नी को भी दर्द होगा, लेकिन माँ-बाप का दुख हर दिन बढ़ता रहेगा," वित्तीय सहायता और अन्य लाभों के बारे में पूछे जाने पर रवि प्रताप ने कहा कि जब तक निर्धारित प्रक्रिया में संशोधन नहीं किया जाता तब तक NOK को NOK के लिए निर्धारित लाभ मिलते रहेंगे.

उन्होंने कहा- "यूपी सरकार द्वारा दी गई वित्तीय सहायता में से, स्मृति सिंह को 35 लाख रुपये मिले और हमें 15 लाख रुपये मिले. आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस से प्राप्त धनराशि को समान रूप से बांटा गया. कीर्ति चक्र के लिए धनराशि उन्हें मिलेगी. पेंशन की राशि उन्हें मिलेगी. हमें नहीं पता कि उसने कुल कितना प्राप्त किया है क्योंकि वह अब हमें अपना परिवार नहीं मानती है."

मंजू सिंह ने कहा कि स्मृति को पैसे मिल रहे हैं क्योंकि एक मां ने अपने बेटे को देश को दिया. उन्होंने आगे कहा कि "बहू ने कहा कि सरकार दे रही है, इसलिए वह ले रही है. एक मां ने अपने बेटे को पाला और देश को दिया. वह शहीद हो गया इसलिए उसे मिल रहा है. यह अचानक नहीं हुआ."

कैप्टन अंशुमान सिंह को इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया था. पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर सिंह, 19 जुलाई, 2023 को सियाचिन ग्लेशियर में लगी आग में अपनी जान गंवा बैठे थे. उनकी शादी केवल पांच महीने पहले हुई थी और दुखद घटना से केवल 15 दिन पहले ही वे सियाचिन पहुंचे थे. हाल ही में, 9 जुलाई को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाक़ात के बाद सिंह की माँ मंजू सिंह ने अग्निपथ योजना को खत्म करने की मांग की थी.