मुंबई: मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस के आश्वसन के बाद भी मराठा आरक्षण को लेकर सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नही ले रहीं हैं. एक तरह जहां राज्य के सरकारी कर्मचारी अपना सातवें वेतन आयोग को लेकर दो दिन से हड़ताल पर है. वही मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलनकारियों ने 9 अगस्त को महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया है. इनके आंदोलन को देखते हुए पुणे में स्कूल बंद करने को लेकर निर्देश दिए गए है.
आन्दोलनकारियों का कहना है कि उनका आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से होगा. उनके इस आंदोलन में किसी तरह की हिंसा नहीं होगी. उन्होंने अपने इस आंदोलन में परली और नवी मुंबई को बंद से दूर रखा है. इसके पीछे का कारण पिछले दिनों हुए यहां पर हिंसा होने को लेकर बताया जा रहा है.
बंद के दौरान लोगों को रोजमर्रा की चीजों को लेकर दिक्कतों का सामना ना करना पडे़ इसके लिए आंदोलनकारियों ने बुधवार को ही जरुरत के सामान खरीदने का आव्हान किया है. आंदोलन को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार सर्तक हो गई है और राज्य के सभी जिले की पुलिस को एलर्ट रहने को कहा है.
क्या है मांगे
मराठा आंदोलनकिरियों की मांग है कि उन्हें सरकारी नौकरी और शिक्षा में 16 प्रतिशत आरक्षण दी जाए. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस ने आरक्षण देने को लेकर आश्वसन दे दिया है. लेकिन इसके बावजूद मराठा समाज आंदोलन करने से बाज नही आ रहे है.
बता दें कि मराठा क्रांति मोर्चा के इस आंदोलन को शुरू हुए गुरुवार को दो साल पूरा हो जाएगा. आरक्षण की मांग को लेकर अबतक महाराष्ट्र में मराठा समाज के 18 लोग आत्महत्या कर चुकें हैं.